पटना/सिटी हलचल न्यूज
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे 14 नवंबर को घोषित होने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) में हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन को अपने विधायकों के ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ (खरीद-फरोख्त) का डर सता रहा है। इसी वजह से महागठबंधन ने अपने विधायकों को सुरक्षित रखने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है।सूत्र बताते हैं कि नतीजों के बाद यदि राजनीतिक उठापटक होती है, तो गठबंधन अपने विधायकों को दूसरे राज्यों में शिफ्ट करेगा। विशेष रूप से उन दलों के विधायकों को, जिनके टूटने का खतरा ज्यादा है।सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी अपने विजयी विधायकों को पटना बुलाकर सुरक्षित रखने की योजना बना रही है
वहीं वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने तय किया है कि उनके विधायक जीत के बाद विशेष विमान से पश्चिम बंगाल भेजे जाएंगे, जहां ममता बनर्जी की सरकार है।कांग्रेस ने भी अपने पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया है कि जैसे ही विधायक जीतें, उन्हें तुरंत पटना लाया जाए, और फिर कर्नाटक या तेलंगाना जैसे कांग्रेस-शासित राज्यों में शिफ्ट किया जाए।महागठबंधन की इस रणनीति में यह भी तय किया गया है कि यदि कोई निर्दलीय उम्मीदवार गठबंधन के साथ आता है, तो उसे भी साथ रखा जाएगा ताकि सरकार गठन के समय स्थिरता बनी रहे।इस बीच, राज्य में इस बार रिकॉर्ड मतदान हुआ है
दूसरे और अंतिम चरण में 67.14% वोटिंग दर्ज की गई, जो अब तक का सबसे ऊँचा मतदान प्रतिशत है। पहले चरण में यह आंकड़ा 65.09% था।चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि इस भारी मतदान से जनता के बदलाव की इच्छा साफ झलक रही है।जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि यह वोटिंग बताती है कि बिहार ने अब नया विकल्प तलाश लिया है।अब 14 नवंबर का इंतज़ार है — जब यह तय होगा कि नीतीश कुमार की सत्ता में वापसी होगी या तेजस्वी यादव का ‘पहला मुख्यमंत्री सपना’ सच बनेगा।



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