नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मतगणना के पहले कहा कि मतगणना की गिनती सही तरीके से होनी चाहिए। उन्होंने यह बातें गुरुवार की देर शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। इस मौके पर वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी, बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कृष्ण अल्लवरु, सीपीआई एमएल के नेता दीपांकर भट्टाचार्य और अन्य नेता भी उपस्थित थे।तेजस्वी ने कहा कि निष्पक्ष रूप से काउंटिंग होनी चाहिए। जनता ने जो मत दिया है उसके अनुसार काउंटिंग है । हमने पहले भी कहा था कि भाजपा के लोग, गोदी मीडिया और एक धंधे के द्वारा एक मत बनाया जा रहा है कि भाजपा के लोग चुनाव जीत रहे हैं। बीजेपी के लोग डरे हुए हैं, बेचैन हैं। यह सरकार जाने वाली है। कई अधिकारियों को आज भी पटना में कुछ लोग बैठकर सीएम हाउस से दे रहे हैं। चाहे वो रिटायर्ड अधिकारी हो या फिर दिल्ली में बैठे हुए दबंग मंत्री लगातार अधिकारियों को फोन घुमा रहे हैं। उनको निर्देश दे रहे हैं। उन्हें अधिकारियों में से जिनके पास फोन जा रहा है, उन्हीं के हवाले से हमें यह सूचना मिली है कि कल उनकी रणनीति काउंटिंग को स्लो करने की होगी। खास तौर के ऐसी सीटें, जहां मार्जिन कम है या जो सीटें महागठबंधन जीत रही है। उन्हें डिक्लेअर नहीं किया जाए। एनडीए की सीटों को डिक्लेयर किया जाए। मीडिया के माध्यम से माहौल बनाया जाएगा कि प्रधानमंत्री बीजेपी दफ्तर जाने वाले हैं। इस तरह की स्ट्रैटेजी यह लोग अपनाएंगे। लेकिन हमारे लोग मुस्तैद हैं और हमारी जीत निश्चित है। सभी अधिकारियों से हमारी अपील है विशेष रूप से चुनाव आयोग से अपील करना चाहते हैं कि निष्पक्ष होकर के चुनाव की गिनती कराई जाए। अभी कुछ सूचना भी मिल रही है। कुछ मंत्री भाजपा की बैठक के बाद कहीं कहां घूम रहे हैं। कहां जा रहे हैं। मीडिया ही बता रहा है। मीडिया ने अपनी आंखों से देखा कि यह लोग क्या करना चाह रहे हैं। लेकिन ये लोग चाहे जितनी बेईमानी कर ले, हमारी उम्मीद है कि बेईमानी न करें
तेजस्वी ने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं। जिनके केस ईडी और सीबीआई में है। इस वजह से दवाब में आकर कैसा काम कर सकते हैं लेकिन यह कुछ भी करें हम लोग कंफर्टेबल मेजोरिटी के साथ कल चुनाव जीत रहे हैं। और महा गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। सीपीआई एमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार का चुनाव सबने देखा। इनमें हर्डल था। पहला हर्डल एसआईआर का था। बिहार ने लड़ा और लड़कर के अपना मान बचाया। जिन लोगों ने वोटर लिस्ट में अपना नाम बचा लिया। लोग बाहर से मत डालने के लिए आए। दूसरा हर्डल वोट डालने का था। बिहार में इस बार जबरदस्त तरीके से वोट डाला है। रिकॉर्ड टूट गए हैं। तीसरा हर्डल है कि सही तरीके से गिनती हो। जो जनादेश आ चुका है उसे आने दिया जाए । इस निर्देश को बीच में रोकने बदलने या छेड़छाड़ करने की कोशिश ना हो। 2020 में हमने इसे देखा था। इसलिए हम सभी संगठनों ने आपस में बात की है हमारे कार्यकर्ता बिल्कुल तैयार हैं ।बहुत मुस्तैदी के साथ पूरे दिन लोग रहेंगे। हम यही उम्मीद करेंगे कि चुनाव आयोग को गारंटी करनी चाहिए कि गिनती बिल्कुल साफ सुथरा तरीके से हो चाहे। वह पोस्ट बैलेंस की गिनती हो या मशीन की गिनती हो, इसमें देर न हो। जितनी जल्दी हो सके वह गिनती हो और बिहार के लोगों को बिल्कुल साफ तरीके से जानकारी मिले
वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि हम आप सभी को 18 तारीख का निमंत्रण दे रहा है। जितने भी अधिकारी हैं उन सब से आग्रह है कि अपने संविधान की रक्षा करने के शपथ लिया है ।देश में भय मुक्त चुनाव कराने का शपथ लिया है। हमारा आपसे आग्रह है कि जो अपने संकल्प लिया है उसे संकल्प के तहत जनता ने जिस भी सरकार बनाने का जनादेश दिया है उसका पालन हो। अधिकारी अपना काम करें। बिहार में बदलाव के लिए वोटिंग हुआ है। राज्य की युवाओं को बदलाव चाहिए। नौकरी चाहिए इसलिए उन्होंने वोटिंग की है। एनडीए को पता था कि हम लोग कहीं नहीं टिकेंगे। जब हम राहुल गांधी के साथ यात्रा पर निकले थे तभी दिख रहा था कि 200 से ज्यादा सीटों के साथ हम सरकार बना सकते हैं। एनडीए की सरकार ने महिलाओं को ₹10000 दिए। उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें वोट मिलेगी। लेकिन हमारी और माता और बहनों ने हमारे लिए वोट किया है। 20 साल में नीतीश कुमार फेल हो चुके हैं ।शून्य हो चुके हैं
वही कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि बिहार की जनता ने हम सबको अपना मत दिया है। जब मतदान इतना ज्यादा हुआ है तो हम यह मानते हैं कि यह बदलाव का संकेत है क्योंकि सरकार ने हर मुद्दे पर काम नहीं किया। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य , सुरक्षा पर काम नहीं किया । जब लोग घर से निकाल कर आ रहे हैं तो बड़ी संख्या में आ रहे हैं। हमारा विश्वास यह है कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है। दूसरी बात भारत युवा देश है। बिहार युवा प्रदेश है।जिस ओर जवानी चलती है उसे और जमाना चलता है। हमें विश्वास है कि बिहार का युवा सरकार और विशेष रूप से बीजेपी से परेशान है। हमें विश्वास है कि युवा हमारे लिए भारी बहुमत में मतदान कर रहे हैं। तीसरा जो कारण है वह यह है कि जो सीटें बीजेपी की गढ़ मानी जाती थी चाहे वह पटना शहर हो, चंपारण, गया, दरभंगा, सुपौल हो । वह सारी सीटें फाइट में है। अगर उनके गढ़ वाली सीटों पर फाइट है तो हमारा मानना है कि बिहार में बदलाव के लिए वोट हुआ है । हमारे साथियों ने यह बात रखी कि बिहार की जनता जो चाहती है जिस गठबंधन के लिए उन्होंने मत डाले हैं उसे मत की मर्यादा रखें। चुनाव की गरिमा रखें और संविधान की सुरक्षा करें। यह हमारी हर एक अधिकारी से गुजारिश है।




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