सिटी हलचल न्यूज
जम्मू-कश्मीर, मेघालय और गोवा समेत कई राज्यों के पूर्व राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक का मंगलवार को दिल्ली के RML अस्पताल में निधन हो गया। 79 वर्षीय मलिक लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से देश की राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई है
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से ताल्लुक रखने वाले मलिक ने न सिर्फ संसद और राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों को संभाला, बल्कि हर दौर में सत्ता से सवाल करने की हिम्मत दिखाई।अनुच्छेद 370 हटाने के ऐतिहासिक फैसले के दौरान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे मलिक ने कई बार केंद्र सरकार की नीतियों पर अपनी स्पष्ट और बेबाक राय रखी
वे किसानों, युवाओं और लोकतंत्र के पक्षधर माने जाते थे।सत्यपाल मलिक का राजनीतिक जीवन हमें यह सिखाता है कि संवैधानिक पद पर रहते हुए भी सत्य और जनहित के लिए आवाज उठाई जा सकती है। उनके निधन से देश ने एक ऐसा नेता खो दिया है जो सत्ता से नहीं, सत्य से जुड़ा हुआ था।