पटना/सिटिहलचल न्यूज
बिहार में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए बड़ी खबर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को घोषणा की कि अब शिक्षक भर्ती में बिहार के निवासियों यानी डोमिसाइल अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह नियम टीआरई-4 परीक्षा से ही लागू होगा।सीएम ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनकी सरकार 2005 से ही शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में जुटी है। बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती की गई है और अब भर्ती प्रक्रिया में बिहार के युवाओं को प्राथमिकता देने के लिए शिक्षा विभाग को जरूरी नियम बदलने का निर्देश दे दिया गया है
सिटेक पहले, फिर टीआरई-5 परीक्षा नीतीश कुमार ने बताया कि टीआरई-5 परीक्षा 2026 में होगी, लेकिन उससे पहले सिटेक परीक्षा कराई जाएगी। वहीं, टीआरई-4 परीक्षा 2025 में कराई जाएगी, जिसमें नया डोमिसाइल नियम लागू रहेगा। बता दे कि यह फैसला तब लिया गया है जब 1 अगस्त को सैकड़ों अभ्यर्थियों ने डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर पटना में प्रदर्शन किया था। छात्र नेता दिलीप कुमार के नेतृत्व में अभ्यर्थी तिरंगा लेकर सीएम आवास की ओर जा रहे थे
लेकिन पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर के पास रोक दिया।छात्रों का कहना था कि दूसरे राज्यों में डोमिसाइल नीति के कारण बिहार के छात्रों को वहां नौकरी नहीं मिलती। कुछ राज्यों में परीक्षा का पैटर्न भी ऐसा होता है, जिससे स्थानीय छात्रों को फायदा होता है। इसलिए बिहार में भी डोमिसाइल नीति जरूरी है। इस फैसले से हजारों अभ्यर्थियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। इसे चुनाव से पहले नीतीश सरकार की बड़ी सौगात माना जा रहा है।