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लड़की-लड़की में दोस्ती, फिर प्यार और अब हुई शादी, कहा-लड़के में दिलचस्पी नहीं

सुपौल जिले से एक हैरान करने वाली और चर्चा में रहने वाली खबर सामने आई है, जिसने त्रिवेणीगंज ही नहीं बल्कि पूरे जिले में लोगों का ध्यान खींच लिया है। मामला त्रिवेणीगंज नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 18 का है, जहां एक मॉल में काम करने वाली दो युवतियों ने आपसी सहमति से अनोखी शादी रचा ली। जानकारी के अनुसार, दोनों युवतियों की पहचान करीब दो वर्ष पूर्व इंस्टाग्राम के जरिए हुई थी। सोशल मीडिया पर शुरू हुई बातचीत धीरे-धीरे गहरी दोस्ती में बदली और फिर यह दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई। एक-दूसरे को समझने और लंबे समय तक साथ रहने के बाद दोनों ने जीवन भर साथ निभाने का फैसला किया।मंगलवार की देर रात दोनों युवतियां चुपचाप त्रिवेणीगंज मेला ग्राउंड स्थित एक मंदिर पहुंचीं, जहां सादे तरीके से गैस चूल्हे के चारों ओर सात फेरे लेकर विवाह किया। उस समय मंदिर परिसर में गिने-चुने लोग मौजूद थे, जिससे यह घटना तत्काल किसी की नजर में नहीं आई।
बताया जा रहा है कि दोनों पिछले दो महीनों से नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 18 में एक ही कमरे में किराये पर रह रही थीं और दोनों एक मॉल में कार्यरत हैं। बुधवार की सुबह जब वे शादी के बाद अपने कमरे पर लौटीं और इसकी जानकारी लोगों को हुई, तो पूरे मोहल्ले में हलचल मच गई। इसी दौरान दोनों ने अपनी शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर दिया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया।
नवविवाहित युवतियों की पहचान मधेपुरा जिले के मुरलीगंज गोशाला चौक वार्ड 8 निवासी संतोष गुप्ता की 21 वर्षीय पुत्री पूजा गुप्ता और शंकरपुर थाना क्षेत्र के मौरा बघला वार्ड 1 निवासी शंभू यादव की 18 वर्षीय पुत्री काजल कुमारी के रूप में हुई है। इस विवाह में पूजा गुप्ता दूल्हे की भूमिका में नजर आईं, जबकि काजल कुमारी दुल्हन बनीं।
दोनों युवतियों का कहना है कि उन्हें लड़कों में कोई दिलचस्पी नहीं है, इसलिए उन्होंने आपसी सहमति से एक-दूसरे से शादी करने का निर्णय लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका रिश्ता भावनात्मक जुड़ाव पर आधारित है और वे अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहती हैं। दोनों ने यह भी कहा कि उन्हें फिजिकल संबंध से कोई मतलब नहीं है और वे एक-दूसरे का जीवन भर सहारा बनकर रहना चाहती हैं।
फिलहाल इस अनोखी शादी को लेकर स्थानीय स्तर पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आपसी सहमति का मामला बता रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग सामाजिक परंपराओं और रीति-रिवाजों के नजरिये से इसे असामान्य कदम मान रहे हैं।
हाल के दिनों में यह मामला सुपौल जिले में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

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