धमदाहा/कन्हैया राज
बिहार के पूर्णियां जिले से हॉस्पिटल का एक हैरतअंगेज कारनामा सामने आया हैं, जहाँ मामूली बुखार का ईलाज कराने गई महिला का डॉक्टरों ने फैमली प्लानिंग का ऑपरेशन कर दिया। जबकि महिला की शादी 6 माह पूर्व ही हुई थी। वहीं गलत तरीके से ऑपरेशन करने की वजह से महिला की मौत भी हो गई। वही घटना से गुस्साए लोगों ने सड़क पर आगजनी की और पूर्णियां-धमदाहा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। घटना जिले के धमदाहा थाना क्षेत्र की हैं।मृतका की पहचान मधेपुरा जिला के ग्वालपाड़ा गांव निवासी अरुण शर्मा की पुत्री निक्की कुमारी (19) के रूप में हुई है। निक्की की शादी छह माह पूर्व ही धमदाहा थाना क्षेत्र के बड़हारा कोठी पंचायत के सुखसेना कैलू टोल निवासी अधिक कुमार से हुई थी। परिवार के अनुसार निक्की को कुछ दिनों दे बुखार था। वही अचानक तेज बुखार होने के बाद पति और सास उसे लेकर धमदाहा पहुंचे। यहीं कुछ दलालों ने उन्हें धमदाहा अस्पताल नामक एक निजी क्लिनिक ले गए। जहाँ डॉक्टर द्वारा देखने के बाद उसे कुछ जाँच कराने को कहा। जब जाँच के लिए निक्की बैठी हुई थी तो हॉस्पिटल के स्टॉफ उसे बुलाकर अंदर ले गए। पति और सास ने सोचा कि जाँच के लिए अंदर ले गए होंगे। मगर अंदर ले जाने के बाद निक्की को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर उसे ऑपरेशन थेरेटर ले जाया गया और उसका फैमिली प्लानिंग कर दिया गया
वहीं ऑपरेशन के बाद जब यह बात परिजन को पता चली तो उसके होश उड़ गए। वहीं जब हॉस्पिटल से इस बारे में पूछा गया तो पता चला गलती से किसी और के बदले निक्की का फैमिली प्लानिंग कर दिया गया हैं। वही मृतका के पिता ने बताया कि अस्पताल संचालक मो. बेलाल रजा, डॉ. इमरान, डॉ. प्रभात कुमार और डॉ. प्रियंका भारती के संयुक्त संचालन में चल रहे इस अस्पताल में उनकी बेटी को जबरन बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया और ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया। ऑपरेशन के बाद परिजनों को बताया गया कि गलती से उसकी “फैमिली प्लानिंग” का ऑपरेशन हो गया है। जबकि निक्की मात्र 19 साल की थी। अभी शादी कुछ ही महीने पहले हुई थी और वह मां भी नहीं बनी थी।परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन के बाद निक्की की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। जब परिवार ने सवाल उठाया तो अस्पताल कर्मियों ने उसे आनन-फानन में पूर्णिया और कटिहार के कई निजी अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया। अस्पताल वाले खुद एम्बुलेंस मंगवाकर दबाब डालकर उसे पूर्णिया भेज दिया। पहले उसे लाइन बाजार स्थित एसीएन मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां एक दिन रखने के बाद वहां से निकालकर अलफा ट्रॉमा और न्यूरो सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल ले जाया गया। जहाँ डॉक्टरो ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। मृतका के पिता अरुण शर्मा और पति अधिक कुमार का आरोप है कि चिकित्सकों ने फर्जी कागजात बनाकर उनकी बेटी का जबरन ऑपरेशन केवल किडनी निकालने की नियत से किया। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल के एक कर्मी शाहनवाज ने कैमरे पर भी स्वीकार किया है कि ऑपरेशन जबरन किया गया। परिजनों ने अस्पताल संचालक मो. बेलाल रजा, डॉ. इमरान, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. प्रियंका भारती सहित कुल छह लोगों को नामजद करते हुए हत्या, षड्यंत्र और अंग निकालने की कोशिश का आरोप लगाया है
वही महिला की मौत की जानकारी मिलते ही मृतका का परिवार, रिश्तेदार और ग्रामीण अस्पताल पहुंच गए। गुस्साए लोगों ने अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ की और कई कर्मचारियों की पिटाई कर दी। स्थिति बिगड़ते देख कई चिकित्सक और कर्मी वहां से फरार हो गए। परिजन धमदाहा नेहरू चौक पहुंचे और सड़क जाम कर नारेबाजी करने लगे। घंटों तक अफरातफरी का माहौल रहा।घटना की पुष्टि करते हुए धमदाहा थानाध्यक्ष सरोज कुमार ने बताया कि मृतका के पिता अरुण शर्मा के आवेदन पर अस्पताल संचालक मो. बेलाल रजा, डॉ. इमरान, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. प्रियंका भारती सहित चार चिकित्सकों और दो अन्य सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और आरोपितों की तलाश की जा रही है।वही निक्की की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। छह माह पूर्व हुई शादी के बाद नई-नवेली दुल्हन की मौत से ससुराल और मायके दोनों जगह मातम पसरा है। घटना से पूरे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है। लोग निजी अस्पतालों की मनमानी और लापरवाहियों पर सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी और परिवार को अपनी बेटी से हाथ न धोना पड़े।



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