बहादुरगंज /सिटी हलचल न्यूज
किशनगंज : बहादुरगंज थाना क्षेत्र के गरगांव मिलिक में शराबबंदी की निगरानी करने वाले चौकीदार पर ही शराब पीने और गुंडागर्दी करने का आरोप लगा है। यही नहीं, उसके पिता, जो थाने के पूर्व बक्शी और वर्तमान में पेंशनभोगी हैं, पर भी नशे में गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है।विकलांग शिक्षक सत्यनारायण दास ने बताया कि 9 अगस्त की रात करीब 9:30 बजे उनके बड़े भाई और पूर्व बक्शी राजकुमार शराब के नशे में घर आए और गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर उन्होंने जान से मारने और बर्बाद कर देने की धमकी दी। इसी दौरान उनका बेटा अविनाश कुमार, जो बहादुरगंज थाना में चौकीदार और ड्राइवर है
भी नशे में पहुंचा और रसोई की खिड़की से गालियां देने लगा।आरोप है कि दोनों बाप-बेटे ने घर में कंकड़, ईंट, बालू और मिट्टी फेंककर रसोई का खाना खराब कर दिया और परिवार को चोटें आईं। देर रात राजकुमार के छोटे बेटे दुर्गेश ने फोन कर गाली-गलौज की और नौकरी से हटाने के साथ झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी।पीड़ित ने बताया कि राजकुमार का यह कोई पहला मामला नहीं है। वह पूर्व में भी दो बार शराब पीने के आरोप में जेल जा चुका है। उनका कहना है कि आरोपियों के पुलिस से करीबी संबंध होने के कारण स्थानीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। शिकायत के बावजूद बहादुरगंज थानाध्यक्ष संदीप कुमार ने पूर्व बक्शी और चौकीदार पर कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ धारा 107 की कार्यवाही की
बिहार में शराबबंदी और चौकीदार की जिम्मेदारी
बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। कानून के तहत चौकीदार की जिम्मेदारी है कि गांव में शराब की बिक्री और खपत की सूचना तुरंत पुलिस को दे। शराब पीना, रखना, खरीदना और बेचना दंडनीय अपराध है। इस मामले में आरोप है कि चौकीदार स्वयं शराब पीता है और उसके घर में भी शराबखोरी होती है, जो कानून और सेवा आचरण का खुला उल्लंघन है।