कोढ़ा/शंभु कुमार
कटिहार:दर्पण जीविका महिला विकास स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड (सीएलएफ), कोढ़ा की चतुर्थ आम सभा का आयोजन बुधवार को कोढ़ा स्थित सभाभवन में बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक रीति से दीप प्रज्ज्वलन कर की गई जिसमें प्रखंड परियोजना प्रबंधक, सामाजिक विकास प्रबंधक तथा समिति के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने संयुक्त रूप से भाग लिया।कार्यक्रम के आरंभ में आगंतुकों का स्वागत हुआ और स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। सभा का वातावरण आत्मीयता और उत्साह से भरा हुआ था जहां बड़ी संख्या में जीविका से जुड़ी सैकड़ों महिलाएं शामिल हुईं।सीएलएफ की प्रगति का उल्लेख समिति की अध्यक्ष श्रीमती निर्मला देवी ने स्वागत भाषण में कहा कि दर्पण जीविका समिति का सफर संघर्षपूर्ण होते हुए भी गर्व और सफलता से भरपूर रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में समिति का कॉर्पस फंड 7 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जो जीविका से जुड़ी महिलाओं की मेहनत और विश्वास का परिणाम है।समिति के एमबीके द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 का लेखाजोखा प्रस्तुत किया गया। आकलन में यह सामने आया कि इस वित्तीय वर्ष में समिति ने 35 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा अर्जित किया है। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि जीविका दीदियों का कार्य केवल सामाजिक सशक्तिकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्थिक रूप से भी वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं
योजनाओं पर प्रखंड परियोजना प्रबंधक का जोर
प्रखंड परियोजना प्रबंधक श्री उत्तमानंद भारती ने अपने संबोधन में जीविका समिति से जुड़ी विभिन्न योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार और जीविका मिशन के अंतर्गत जो योजनाएं संचालित हो रही हैं, उनका लाभ सीधा लाभार्थियों तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है।उन्होंने स्पष्ट किया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की दलाली या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी स्तर पर गड़बड़ी या भ्रष्टाचार की जानकारी मिलती है तो महिलाओं को प्रोत्साहित किया गया कि वे उसकी लिखित शिकायत करें। शिकायतों पर तुरंत कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि समाज में पारदर्शिता और विश्वास बना रहे।
हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए पहल
सामाजिक विकास प्रबंधक श्री अनोज पोद्दार ने अपने संबोधन में दीदी अधिकार केंद्र की भूमिका पर विशेष चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस केंद्र का उद्देश्य उन महिलाओं को सहायता और संरक्षण देना है जो घरेलू हिंसा या समाजिक हिंसा की शिकार होती हैं।इसके अंतर्गत महिलाओं को न केवल मानसिक और सामाजिक सहयोग उपलब्ध होगा बल्कि जरूरतमंदों को न्याय और संरक्षण दिलाने के लिए आवश्यक कदम भी उठाए जाएंगे। उन्होंने उपस्थित दीदियों से अपील की कि ऐसी किसी भी महिला की जानकारी मिलने पर उसे इस केंद्र से जोड़कर सहयोग दिलाएं
सांस्कृतिक प्रस्तुति ने मन मोह लिया
कार्यक्रम के दौरान जीविका समूह की बेटियों द्वारा संथाली नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसने वहां उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया। पारंपरिक लोककला की इस सुंदर झलक ने न केवल कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई बल्कि यह भी प्रमाणित किया कि जीविका से जुड़ी महिलाएं केवल आर्थिक गतिविधियों तक सीमित नहीं हैं बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रख रही हैं।मंच संचालन का दायित्व कुशलता से अमित कुमार ठाकुर ने निभाया। कार्यक्रम में समय-समय पर गीत, ताली और उत्साहपूर्ण नारों से माहौल जीवंत बना रहा।
उत्कृष्ट कार्य करने वालों का सम्मान
इस आम सभा के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विभिन्न कैडर और समूहों को प्रोत्साहन स्वरूप सम्मानित किया गया। इससे न केवल कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन हुआ बल्कि अन्य समूहों और दीदियों को भी प्रेरणा मिली कि वे भी अपने कार्यों में अधिक गंभीरता और प्रतिबद्धता से जुटें।समिति के आयोजन को सफल बनाने में जीविका की ओर से अरुण कुमार ठाकुर, बंदना कुमारी और सोनी प्रियंका का विशेष योगदान रहा, जिनके प्रयासों की सराहना की गई।
महिलाओं की स्वावलंबन की ओर यात्रा
दर्पण जीविका समिति की यह चतुर्थ आम सभा केवल एक बैठक मात्र नहीं थी, बल्कि यह महिलाओं के स्वावलंबन, सामाजिक चेतना और एकजुटता का प्रतीक बनी। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित जीविका दीदियों ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि आज की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूती से दर्ज करा रही हैं।जहां एक ओर समिति द्वारा आर्थिक प्रगति हासिल की जा रही है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं के सामाजिक अधिकारों और सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित रखने का कार्य हो रहा है। 35 लाख रुपये का मुनाफा यह दर्शाता है कि दीदियां आत्मनिर्भरता की राह पर निरंतर आगे बढ़ रही हैं और आने वाले दिनों में इसकी रफ्तार और तेज होगी
सभा का महत्व और भविष्य की राह
कार्यक्रम ने यह भी स्पष्ट किया कि जीविका से जुड़ी महिलाएं केवल अपने घर और परिवार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अपने गांव, प्रखंड और जिले के विकास में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। सीएलएफ का सात करोड़ का कॉर्पस फंड महिलाओं के श्रम, ईमानदारी और अनुशासित कार्यपद्धति का जीवंत प्रमाण है।इस सभा के माध्यम से महिलाओं ने यह भी जताया कि अगर अवसर और सहयोग मिले तो वे हर चुनौती का सामना कर सकती हैं। दीदी अधिकार केंद्र की पहल और योजनाओं की पारदर्शिता पर जोर देना इस बात की ओर इशारा करता है कि महिलाओं का संगठन अब सशक्तिकरण के अगले स्तर पर पहुंच रहा है।भविष्य में ऐसे आयोजनों से न केवल पारस्परिक संवाद और समझ को नया आयाम मिलेगा, बल्कि जीविका मिशन की दिशा और भी व्यापक और ठोस होगी।
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