टीकापट्टी के दुलारे गैनु भैया नही रहे ,एक झलक पाने को उमड़ी लोगो की भीड़

 

रूपौली/बालमुकुन्द यादव 

पूर्णियां : टीकापट्टी के दुलारे गैनु भैया अब इस दुनिया मे नही रहे ।गत रविवार को लम्बी बीमारी के बाद अपने निज आवास टीकापट्टी में गैनु भैया 54 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली  ।गैनु भैया की मौत की खबर पूरे क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैल गई ।देखते ही देखते लोगो की भीड़ एक झलक अपने गैनु भैया को देखने के लिए उमड़ गई ।बस अब  रह गई उनकी यादें ।असली नाम तो उनका महेन्द्र यादव था


लेकिन पूरे टीकापट्टी क्षेत्र के  बुजुर्ग ,युवा ,बच्चे ,महिलाएं सब उनको बड़ी ही प्यार और दुलार से गैनु भैया के उपनाम से पुकारते थे ।न तो गैनु भैया के नाम मे कोई सामाजिक रीति -रिवाज का बंधन था न कोई ऊंच नीच का भाव ही ।सामाजिक और पारिवारिक रिश्ता में गैनु भैया जो भी लगे ।लेकिन सब उसे गैनु भैया के नाम से ही बुलाते थे ।बस उनके उपनाम से ही उनकी लोकप्रियता का सहज ही अंदाजा लगाया जासकता है । किसी के घर आयोजित होने वाले समारोह बिना गैनु भैया की उपस्थिति का सम्पन्न हो यह संभव ही नही था

सामाज में मिलनसार स्वभाव के साथ ही लोगो के दुखदर्द में अपने हैसियत और औकात से अधिक बढ़ -चढ़ कर हिस्सा लेना गैनु भैया की खासियत थी ।समाज के अंतिम पायदान पर खड़े कमजोर लोगो को  इंसाफ दिलाने के लिए अड़ियल और   कठोर बन कर एक चट्टान की  तरह पीड़ित के साथ खड़ा रहने का साहस भी उनमें था ।शायद यही सब कारण था कि अंतिम दर्शन के लिए पहुँचे लोगों के मुंह से बरवस ही निकल रहा था कि गैनु भैया अब हमलोगों के इंसाफ की लड़ाई समाज के सामंती लोगो से कौन लड़ेगा ।मौके पर पूर्व मुखिया अबधेश सरस्वती ,छेदी मंडल ,ब्रह्मदेव मंडल ,सत्तन मंडल ,मिट्ठू यादव ,सहित दर्जनों लोगों ने शोक संवेदना ब्यक्त किया ।

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