जोगबनी अररिया
भारत नेपाल सीमावर्ती जोगबनी में मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के नेतृत्व में बांग्लादेश में बीते दिनों इस्लामीक कट्टरपंथियों द्वारा एक हिंदू को पेड़ से लटका कर जलाकर मार दिया गया, आए दिन ऐसी घटनाक्रम आम हो गई है, जिसके विरोध में इस्लामीक कट्टरपंथियों का पुतला दहन कर अपना विरोध जताया।
जानकारी अनुसार बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की हत्या के विरोध में जोगबनी के युवाओ में आक्रोश देखा गया। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने जोगबनी के मुख्य मार्ग होते हुए भारत नेपाल सीमा गांधीजी चौक के समीप इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया। युवाओ ने बांग्लादेशी प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनिस खान का पुतला फूंका और भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। यह प्रदर्शन बजरंग दल के प्रदीप साह, संतोष यादव, घनश्याम राम, सहित दर्जनों युवाओ के नेतृत्व में हुआ। युवाओ ने जय श्री राम का झंडा लेकर पैदल मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया और बांग्लादेश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। दरअसल, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के दीपू चंद्र दास को एक भीड़ ने कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला और फिर आग के हवाले कर दिया था। उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था।
आरोप है कि बांग्लादेश पुलिस और प्रशासन ने दीपू को भीड़ के हवाले कर दिया, जिसके बाद भीड़ ने उन्हें डंडों और सरियों से पीटकर मार डाला। इस घटना से बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हिंदू संगठनों ने बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की हैं। युवाओ ने इसे 'मानवता की हत्या' बताया और भारत सरकार से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से बात कर ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
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