आलमनगर /कन्हैया महाराज
मधेपुरा : भारत में चुटकी भर सिंदूर का महत्व क्या है। उसे पाकिस्तानी जेहादी नहीं जानते। जो कलमा सुनने के लिए मजबूत कर रहे थे। वे आज भारतीय सेना का शिव तांडव सुनने को मजबूर हो गए हैं। विगत 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में जिस तरह पांच सशस्त्र आतंकवादियों ने 28 निर्दोष पर्यटकों को गोली का निशाना बनाया उससे भारतीय जनता का खून खोलना स्वाभाविक था। वह जब धर्म कुछ कर नव व्याख्या किस सिंदूर धोये जा रहे थे। तब पाकिस्तान में जश्न मनाया जा रहे थे। खैर मनाइए कि अभी हमारी भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। पहलगाम घटना के बाद हमारे प्रधानमंत्री ने अपने आश्वासन में कहा था कि आतंकियों को उनके अनुमान से अधिक सजा दी जाएगी। इसकी शुरुआत हो चुकी है
उल्लेखनीय है कि हमारे प्रधानमंत्री की विदेश नीति विगत हाल के वर्षों में काफी प्रभावशाली रही है। यही कारण है कि उन्होंने थोड़ी देर संयम के साथ काम लिया और दुनिया के लोगों को इस बात का एहसास कराया की जेहादी आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान को सबक सिखाने की जरूरत है । यही कारण है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को अपने ऊपर हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने का अधिकार है। पहलगाम हमले के 15 दिनों के अंदर ही 6 में की रात को भारतीय सेना ने आतंकवादियों के पाकिस्तान स्थित नौ ठिकाने को जिस तरह ध्वस्त किया उसमें 80 से 90 आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है। यह पाकिस्तान के लिए एक युद्ध संकेत है। भारतीय सेना के इस ऑपरेशन का हमारा प्रधानमंत्री ने जो ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया है। इसका मतलब पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए। भारतीय भूगोल को खूनी धाराओं से रेखांकित करने वाले आतंकी ताकतों को समझ लेना चाहिए कि भारतीय सेवा जब अपनी औकात पर उतर जाएगी तो जैश -ए-मोहम्मद के ठिकाने उसके पैरों के नीचे आने में देर नहीं लगेगी। युद्ध नीति के अनुसार दुश्मन चाहे कितना ही कमजोर क्यों ना हो, उसे कमजोर नहीं समझना चाहिए। यह बात अब पूरे भारतीय लोगों को समझ लेना चाहिए। हमारी तीनों सेनाओं ने जिस जोश के साथ अपने दायित्व का पालन करना शुरू किया है, और उसके लिए हमें गर्व होना चाहिए, इतना ही नहीं उनके मनोबल को बढ़ाने और देश की अस्मिता की की रक्षा के लिए हम सभी को तन मन और धन से सहयोग करने का मन बना लेना चाहिए। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। हराम की कमाई खाने की आदत छोड़नी होगी। कम वेतन और सुविधाओं में जीने की आदत बनानी होगी।। जरूरत के अनुसार अपने सैनिकों के लिए न सिर्फ हमें अपने रक्तदान कर ब्लड बैंक स्थापित करनी है
बल्कि आवश्यकता अनुसार उनके परिजनों को अपने हिस्से की रोटी और अन्य सुविधाएं भी देकर जय हिंद बोलने की आदत बनानी चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर हम सब के लिए भी एक संकेत है कि हम जिस वतन को अपना मानते हैं उसके लिए अपना सब कुछ त्यागने के लिए तैयार रहें। इस ऑपरेशन की अगली कार्रवाई में न सिर्फ पाकिस्तान की बल्कि हमारी भी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इसके लिए हमें तैयार रहना चाहिए किसी भी युद्ध के अंतिम परिणाम सकारात्मक नहीं होते, इस दुनिया भर के लोगों को समझना चाहिए भारत के संस्कार में शांति और सद्भावना है। किंतु बेगुनाह लोगों पर जब कोई हथियार उठना है तो हमारी भारतीय सेना रक्षक बनकर खड़ी हो जाती है। अब स्थिति यह है कि हर भारतीय नागरिक जो इस देश को अपना समझता है, जिनकी मिट्टी की उपज खाता है। यहां की नदियों का पानी पीता है। उसकी अस्मिता की रक्षा के लिए तन मन और धन से लड़ने के लिए तैयार हो जाए।