दिल्ली /बालमुकुन्द यादव
अपने बॉर्डर फ़िल्म तो जरूर देखी होगी, जिसमें शादी के दूसरे दिन ही उसकी छुट्टी कैंसल हो जाती हैं और उन्हें ड्यूटी जॉइन करना होता हैं। कुछ इस तरह का ही वाक्या बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव प्रखंड के नन्दन गाँव निवासी त्यागी यादव के साथ हुआ हैं। जिनकी शादी 8 मई को हुई और 9 मई को दुल्हन विदा लेकर जैसे ही अपने घर आये उन्हें छुट्टी कैंसल का मैसेज मिला और जल्द अपने ड्यूटी पर वापस लौटने का फरमान जारी हुआ हैं। त्यागी यादव भारतीय सेना में तैनात है और जम्मू में उनकी पोस्टिंग है। त्यागी यादव जो अपने नव दाम्पत्य जीवन के खुशी में मशगूल थे। पूरा परिवार नए रिश्ते के मिठास में डूबा हुआ था। अचानक फोन आने पर त्यागी यादव के चेहरे पर तनाव आया और जुबान से सिर्फ 'यस सर यस सर' निकला फिर बिना एक पल की देरी किए 9 मई को ही अपने ड्यूटी पर निकल गए। उनके इस फ़ैसले ने सभी को अचंभित कर दिया
एक तरफ़ नई दुल्हन के साथ जीवन के नए अध्याय की शुरुआत, तो दूसरी तरफ़ देश की रक्षा का दायित्व। त्यागी ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपना फ़र्ज़ को चुना। 26 वर्षीय त्यागी के इस जज़्बे ने पूरे गाँव को भावुक कर दिया। जहाँ एक दिन पहले शादी की धूमधाम और ढोल-नगाड़ों की गूँज से पूरा गाँव गुलज़ार था, वहीं अचानक एक वीर सैनिक की विदाई की ख़ामोशी छा गई। गाँव की गलियों में बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर कोई त्यागी के इस त्याग और समर्पण को सलाम कर रहा था। त्यागी की पत्नी, जिनके हाथों की मेहँदी का रंग अभी तक फीका नहीं पड़ा था, ने भी अपने पति के फ़ैसले का दृढ़ता से समर्थन किया
उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पति और भारतीय सेना के शौर्य पर गर्व है। त्यागी की इस कर्तव्यपरायणता ने सभी के दिलों में देशभक्ति की भावना को और भी प्रबल कर दिया। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि हमारे देश के जवान अपने निजी जीवन की खुशियों को भी देश की सुरक्षा के लिए कुरबान करने से पीछे नहीं हटते। त्यागी जैसे वीर सैनिकों के कारण ही हमारा देश सुरक्षित है। उनका यह बलिदान युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। बता दे कि त्यागी यादव के चचेरे भाई ओम प्रकाश यादव वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में तैनात हैं। उनके मामा मंगल यादव भी सेना में हैं। अभी भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार हो रहे हमले के बीच सरकार ने सभी सेना के जवानों की छुट्टी आपात स्थिती से निबटने के लिए रद्द कर दी हैं।