पटना/सिटिहलचल न्यूज
बिहार के मधुबनी में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को लेकर तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार में अफसरों के माध्यम से सरकार पंचायत प्रतिनिधियों को डराने का काम कर रही है और उनके हक और अधिकार को छीनने का कार्य किया जा रहा है। सरकार नहीं चाहती है कि पंचायतों को मजबूत किया जाये। पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार को छीनकर सरकार पंचायती राज व्यवस्था को कमजोर करना चाहती है। इसके खिलाफ पंचायत प्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों को डरा-धमकाकर प्रधानमंत्री की सभा में आने के लिए मजबूर कर दिया गया
इसके लिए पंचायती राज विभाग की ओर से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए चिट्ठी जारी कर फरमान सुनाया गया है और डराने-धमकाने की लगातार कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी और पलायन की स्थिति सबसे अधिक है। 20 वर्षों में बिहार सरकार और 11 वर्षों में केन्द्र की सरकार ने बिहार के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया है और बिहार के साथ हकमारी की है। बिहार में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है और पलायन सबसे अधिक है
न कल-कारखाना है और न ही उद्योग-धंधे हैं। किसानों की आय भी सबसे कम है। बिहार के लिए केन्द्र सरकार ने विशेष राज्य के दर्जे का चैप्टर क्लोज कर दिया है और बिहार को आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है और न ही विशेष पैकेज दिया जा रहा है, जिस कारण बिहार नीति आयोग के रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे फिसड्डी राज है।