अमौर/सिटिहलचल न्यूज़
पूर्णियाँ: अमौर प्रखंड़ के शहरी व ग्रामीण इलाकों में हर साल की तरह इस साल भी रविवार को भगवान विश्वकर्मा की पूजा आस्था एवं भक्तिभाव से की जा रही है । इसको लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया। रविवार की सुबह से ही क्षेत्र के विद्युत कार्यालय, केईपीएल कंस्ट्रक्शन हार्डवेयर, ज्वेलरी , गैस गोदाम दुकानों, कंप्यूटर शिक्षण संस्थानों, बस स्टैंड, दुकान, साइकिल दुकान, फ्लावर व राइस मिल, फोटो स्टेट, प्रेस, आरा मशीनों आदि समेत अन्य यंत्रों की दुकानों में देर शाम तक पूजा चलती रही । इन जगहों पर भगवान विश्वकर्मा की छोटी-बड़ी प्रतिमाओं की विधानपूर्वक पूजा अर्चना की जा रही है। आचार्यों के वैदिक मंत्रोच्चारण से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
कथा समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। प्रतिष्ठानों के अलावा श्रद्धालुओं ने अपने घरों में भी साइकिल, बाइक समेत अन्य तकनीक उपकरणों की पूजा भगवान विश्वकर्मा के रूप में की। पुरोहित बताते है कि अश्विन मास के प्रतिपदा को विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ था, लेकिन लगभग सभी मान्यताओं के अनुसार यही एक ऐसा पूजन है जो सूर्य के पारगमन के आधार पर तय होता है। इसलिए प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए अनेक भव्य महलों, आलीशान भवनों, हथियारों और सिघासनों का निर्माण किया। इसलिए इन्हें देवताओं का अभियंता, आदि अभियंता, मशीन का देवता और देवताओं का शिल्पकार जैसे नामों से जाना जाता है।
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