कोढ़ा/शंभु कुमार
हरतालिका तीज को लेकर कोढ़ा नगर पंचायत सहित ग्राम पंचायतों के फुलवरिया,बासगाढा , रामपुर, मखदमपुर व अन्य में महिला श्रद्धालुओं ने तैयारी पुरी कर ली हैं।आज मनाई जाने वाली हरतालिका तीज का सनातन धर्म विशेष महत्व बताया जाता है। वर्ष में तीन तीज मनाए जाने वाले में आज मनाई जाने वाली यह तीज पर्व सबसे कठीन माना जाता है।आज के दिन विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की विशेष प्राप्ति हो 24 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी। उपवास रखकर भगवान शिव और माता की पुजा अराधना अपने पति की दिर्घायु व स्वास्थ्य जीवन के लिए शंकर पार्वती की तस्वीरें पर नीम की डाली दूध,जल, धूप,केले के पत्ते, बेलपत्र, कुमकुम,हल्दी,काजल , मेहंदी,रोली,जनेऊ,सुपारी, नारियल,अक्षत,कलश, दूर्वा,घी , चंदन, गुड़, शहद,पंचामृत,मिश्री पूजन सामग्री के साथ सजधज कर पूरी विधिविधान के साथ श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना करेंगी।
*हरतालिका तीज का महत्व
इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने किया था।माता पार्वती के इस व्रत से शिव भगवान काफी प्रसन्न हुए थे। और उनको शिव भगवान पति के पति के प्राप्त हुए थे।इसी कथा की आरंभ से ही सुहागिन महिलाएं यह व्रत करने लगी।ऐसी मान्यता है की की भगवान भोले को दूध दही शहद गंगाजल से अभिषेक कर उन्हें चंदन मौली अक्षर बेलपत्र धतूरा शमी पत्र आक के पुष्प गुलाल के द्वारा इस दिन सुहागिन महिलाओं के द्वारा पूरी पवित्रता के साथ पूजा की जाती है तो सुहागिन महिला के पति दुर्गायु होने के साथ हमेशा स्वस्थ बने रहते हैं।
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