पूर्णियाँ/सिटीहलचल न्यूज़
पूर्व पार्षद सह भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष सरिता रॉय ने पूर्णिया पूर्व अंचल कार्यालय में म्यूटेशन के नाम पर हो रही धांधली से जिलाधिकारी व नगर आयुक्त को अवगत कराया है।उन्होंने कहा कि नामांतरण पत्र (म्यूटेशन) नहीं होने के कारण व्यापार एवं नगर निगम पूर्णिया में हो रहे राजस्व की क्षति हो रही है। उन्होंने बस्तय कि वर्तमान समय में पूर्णिया पूर्व अंचल कार्यालय में शहरी क्षेत्र के अंतर्गत क्रय की गई एवं बंटवारे से प्राप्त जमीन का नामांतरण (म्यूटेशन) एवं राजस्व दर निर्धारित नहीं होने के कारण आम लोग जमीन का क्रय कर नामांतरण एवं राजस्व दर निर्धारित करने हेतु लगातार अंचल कार्यालय का दौरा करते रहते हैं। ज्ञात हो कि नगर निकाय के क्षेत्र में रहने वाले शहरवासियों को अपने-अपने आवासीय एवं व्यवसायिक भवनों के निर्माण में कठिनाइयों आ रही है नगर निगम के किसी भी तरह की भवनों के निर्माण हेतु भवन मानचित्र स्वीकृति अधिनियम पारित मानचित्र पर ही भवनों का निर्माण किया जा सकता है
और उस अधिनियम के पालन हेतु अन्य दस्तावेजों में क्रय भूमि , बटवारा के आधार पर वंशावली दस्तावेज जमीन का स्वामित्व प्रमाण पत्र के आधार पर अंचल कार्यालय से नामांतरण( म्यूटेशन) करा कर ही अन्य कागजातों के साथ संलग्न करना अनिवार्य है। विगत कई वर्षों से पूर्णिया पूर्व अंचल में भूमि एवं अन्य प्रकृति से प्राप्त भूमि का नामांतरण और लगान निर्धारण जटिल प्रक्रिया बनकर रह गई है। एक और सक्षम व्यक्ति पिछले दरवाजे से पूर्णिया पूर्व अंचल में अपना कार्य करा ले कर लेते हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार के नियमों पर आश्रित रहने वाले लोगों को नामांतरण कराने में वर्षों वर्ष लग जाता है। भवन मानचित्र स्वीकृति हेतु उपरोक्त दस्तावेज नहीं होने के कारण नगर निगम पूर्णिया में 50% लाभुक अपना व्यवसायिक एवं आवासीय भवनों का निर्माण नहीं कर पाते हैं जिसके कारण एक और ईट गिट्टी सीमेंट सरिया एवं अन्य भवन सामग्री विक्रेता का व्यापार प्रभावित हो रहा है
वहीं दूसरी ओर नगर निगम को भवन मानचित्र स्वीकृति पर प्राप्त होने वाली विभिन्न मदों से एक बड़ी आई की राशि का क्षय प्रत्येक दिन हो रहा है, जिसका प्रभाव नगर निगम के नगर नदी पर भी पड़ रहा है।जिलाध्यक्ष सरिता रॉय ने डीएम से आग्रह किया कि नगर आयुक्त को निर्देशित करते हुए इस नियम में तत्काल एक विशेष व्यवस्था के तहत पूर्णिया पूर्व अंचल में जो लाभुक भवन निर्माण से संबंधित नामांतरण(म्यूटेशन ) को लेकर आवेदन देते हैं, उसकी अंचल कार्यालय में प्राप्त आवेदन की छाया प्रति को तत्कालिक मान्यता देकर भवन मानचित्र को स्वीकृति का आदेश कर सकते हैं, जिससे एक और भवन सामग्री व्यवसायियों को व्यापार में लाभ प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर नगर निगम को एक बड़ी राशि भी प्राप्त होगी।