आलमनगर से प्रिंस कुमार मिट्ठू की रिपोर्ट
मधेपुरा : हर ओर कोरोना का शोर है। ऐसे में प्रखंड के रतवारा पंचायत अंतर्गत मुरौत, छतौना बासा, भवानीपुर बासा, अटगामा के लोग आज भी स्वास्थ्य सुविधा के लिए तरस रहे हैं । यहां लगभग छह हजार की आबादी इलाज के लिए 15 किलोमीटर दूर आलमनगर जाते हैं । जबकि वर्ष 2005, 06 ने मूरौत में उप स्वास्थ्य केंद्र निर्माण को लेकर शिलान्यास किया गया था। कार्य शुरू भी हुआ। लेकिन कुर्सी तक निर्माण के बाद बंद हो गया। 16 साल बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है । स्थल पर बड़े-बड़े पेड़ उगाए हैं। इसके क्षेत्र के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। जबकि हर साल बांटते गांव टापू बन जाता है। ऐसे समय में लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। ग्रामीण विश्वनाथ शर्मा, वशिष्ट मिस्त्री, अभिषेक कुमार, ननकू सिंह, खुसो मिस्त्री, राजेश कुमार सिंह ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र निर्माण को लेकर कई बार जनप्रतिनिधि व पदाधिकारियों को अवगत कराया गया । लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फलाफल हम लोगों को 15 किलोमीटर दूर जाकर इलाज कराना पड़ता है। मुखिया पूनम देवी ने बताया कि यहां के लोगों को उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं बनने से काफी परेशानी हो रही है । पदाधिकारी से मिलकर हम लोग स्वास्थ्य केंद्र निर्माण की मांग को रखा जाएगा।छह हजार की आबादी है परेशान
प्रखंड के रतवारा पंचायत क्षेत्र मुरौत छतौना बासा, भवानीपुर बासा, अटगामा सहित अन्य गांव के करीब छह हजार की आबादी आज भी अपनी बेबसी पर रोने को विवस है। बाढ़ के समय सभी गांव टापू बन जाता है। जिस वजह से क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में 6000 की आबादी को काफी दिक्कत होती है। बीमार होने पर अस्पताल जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ग्रामीणों ने प्रखंड प्रमुख को स्वास्थ्य केंद्र निर्माण को लेकर एक आवेदन भी दिया गया है
उप प्रमुख अवधेश मंडल की अध्यक्षता में पंचायत समितियों का एक दल और अर्धनिर्मित उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर जायजा लिया गया। ग्रामीणों का कहना सही है। उप स्वास्थ्य केंद्र निर्माण प्रारंभ हुआ।लेकिन कुर्सी तक निर्माण होने के बाद कार्य बंद हो गया है । आगामी पंचायत समिति की बैठक में प्रखंड में इस बात को रखा जाएगा । बचनी देवी प्रखंड प्रमुख ,आलमनगर
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