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5 सूत्री मांगों के समर्थन में जाप कार्यकर्ताओं ने रोकी ट्रेन

पूर्णियां से बालमुकुन्द यादव की रिपोर्ट

पूर्णिया: जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष बबलू भगत के नेतृत्व में सोमवार को पांच सूत्री मांगों के समर्थन में सुबह 10 बजे से पूर्णिया जंक्शन पर पूर्णिया सहरसा पैसेंजर ट्रेन को करीब आधा घंटा रोक कर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया। बाद में पूर्णिया पुलिस एव रेल पुलिस के हस्तक्षेप के बाद जाप कार्यकर्ताओं ने ट्रेन को जाने दिया।पांच सूत्री मांगों में एमएसपी कानून लागू करना,खाद-बीज की किल्लत दूर करना,बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, वार्ड सचिव पद का स्थायीकरण और नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को मुकम्मल सुरक्षा प्रदान करना था


  इस मौके पर जिलाध्यक्ष श्री भगत ने कहा कि केंद्र हो या राज्य सरकार किसानों के प्रति संजीदा नही है।अगर होती तो अब तक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़ा कानून बना दिया जाता।राज्य सरकार कहने के लिए डबल इंजिन की सरकार है लेकिन विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लगातार अनसुनी की जा रही है जो विहारवासियों के साथ नाइंसाफी है।वहीं, जन अधिकार युवा परिषद के प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता राजेश यादव ने कहा कि गेहूं की खेती का समय समाप्त हो रहा है तो वही किसान बुआई छोड़ खाद-बीज के लिए दर-दर भटक रहे हैं और पुलिसिया प्रताड़ना के शिकार हो रहे है ,जो आज तक आजादी के बाद नही हुआ था


नवनिर्वाचित पंचायत जनप्रतिनिधि उन्होंने कहा किदहशत के साये में घर-द्वार छोड़ छुपे हुए हैं तो दूसरी और धनपशु व बाहुबली जन प्रतिनिधियों की खरीद -फरोख्त कर लोकतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं। हमारी मांग है कि इन जनप्रतिनिधियों को जरूरी सुरक्षा मुहैया कराए ताकि जनमत की पवित्रता बरकरार रहे। श्री यादव ने वार्ड सचिवों की नौकरी पक्कीकरण की मांग भी किया।कहा कि अगर जल्द ही किसानों की समस्या का निराकरण नही हुआ तो जाप सुप्रीमो पप्पू यादव के नेतृत्व में सड़क पर लड़ाई लड़ी जाएगी


इस मौके पर जन अधिकार युवा परिषद अध्यक्ष अरुण , अल्पसंख्यक अध्यक्ष डब्लू खान, सुड्डू यादव, आलोक अकेला, सुमित यादव, अभिषेक यादव, करण यादव, आदिल आरजू, विनय यादव, हाबीबुल्ला नितेश गुप्ता, राहुल सिंह, आशीष यादव, निहाल शेख , आशिफ हूसैन, रिजवान आलम, अमित यादव नुरुल होदा अरशद आलम, शंकर कुमार, राहुल यादव, विशाल यादव, सुमित राय मो कबिर मो शहबाज अब्दुल कादिलऔर भी कई साथीगण मौजूद थे।

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