दिल्ली/सिटी हलचल न्यूज
दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले की फंडिंग की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य संबंधित वित्तीय एजेंसियों के संयुक्त प्रयास से की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद इस बात का निर्णय लिया गया कि मामले की जांच को और गहराई से लिया जाए ताकि अपराध के पीछे छिपे वित्तीय तंत्र को पूरी तरह से बेनकाब किया जा सके।इस संदर्भ में अल-फलाह यूनिवर्सिटी की भी पूरी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी, जिससे वहां होने वाली वित्तीय और प्रशासनिक गतिविधियों की पूरी जानकारी जुटाई जा सके
अधिकारियों का मानना है कि विश्वविद्यालय के जरिये ब्लास्ट की फंडिंग की गई हो सकती है, इसलिए इसकी जांच बेहद महत्वपूर्ण है।सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग, फंड ट्रांसफर के स्रोत, और संभावित संलिप्त वित्तीय नेटवर्क के सभी पहलुओं पर कड़ी निगरानी रखने का भी आदेश दिया है। प्रवर्तन निदेशालय इन वित्तीय मामलों की गहराई से जांच कर रहा है ताकि आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन प्रवाह को रोकने में मदद मिल सके।इससे पहले भी सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले में कई बड़े खुलासे किए हैं, लेकिन इस संयुक्त जांच से मामले में और अधिक स्पष्टता आने की उम्मीद है
केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के आतंकवादी घटनाओं की फंडिंग को रोकना ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है ताकि देश में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो सके।यह जांच कई एजेंसियों के समन्वित प्रयास से होगी, जिससे जल्द ही दोषियों को पकड़ कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने यह भी कहा है कि इस मामले में कोई समझौता नहीं होगा और सभी पक्षों की जांच पूरी पारदर्शिता से की जाएगी।यह कदम देश की सुरक्षा को सुदृढ़ करने के साथ-साथ आतंकवाद के वित्तीय तंत्र को नष्ट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।



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