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टापू में तब्दील मुस्लिम टोला गांव, पुल-सड़क के अभाव में जानजोखिम में डाल कर करते है आवागमन

 

टेढ़ागाछ /सिटी हलचल न्यूज 

किशनगंज : आज़ादी के 77 साल बाद भी किशनगंज जिले के सुदूरवर्ती टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के चिल्हनियां पंचायत स्थित वार्ड संख्या 9 का मुस्लिम टोला गांव अब तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। गोरिया और रेतुआ नदी से चारों ओर से घिरे इस गांव के लोग टापू जैसी ज़िंदगी जीने को मजबूर हैं।पूर्वी और दक्षिणी छोर से गोरिया नदी तथा पश्चिमी छोर से रेतुआ नदी इस बस्ती को पूरी तरह काट देती है। उत्तर दिशा में मनरेगा से बनी कच्ची पगडंडी ही एकमात्र सहारा है, लेकिन उसमें भी अब बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। बारिश हो या धूप, स्कूली बच्चों से लेकर बुजुर्ग ग्रामीणों तक को आवागमन के दौरान जान जोखिम में डालनी पड़ती है


ग्रामीण फिरोज़ आलम और मुख्तार आलम ने रोते हुए अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा—

“हमारे पिता जी की तबीयत खराब रहती है, दवाई लेने के लिए भी गोरिया नदी पार करनी पड़ती है। कभी-कभी ऐसा लगता है कि इलाज लेने के बजाय हम लोग नदी पार करते-करते ही किसी हादसे के शिकार हो जाएंगे। यह हमारी मजबूरी है साहब। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल और सड़क निर्माण के लिए वे सांसद और विधायक तक दर्जनों बार आवेदन दे चुके हैं। हर बार आश्वासन तो मिला, लेकिन धरातल पर काम आज तक शुरू नहीं हुआ। गांव के एक अन्य ग्रामीण मुख्तार आलम ने आंसुओं से भरी आंखों के साथ कहा—“हम भी टैक्स देते हैं, हम भी इस देश के नागरिक हैं


हमारी नहीं तो कम से कम हमारे बच्चों के भविष्य के लिए सरकार एक पुल और सड़क बनवा दे। अब सांसद और विधायक से उम्मीदें टूट चुकी हैं, अब जिला प्रशासन और सरकार ही हमारी नैया पार लगा सकती है। गांव की दुर्दशा यह बयां करती है कि विकास की गंगा यहां तक आज भी नहीं पहुंच पाई है। मुस्लिम टोला के लोग सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि जल्द से जल्द स्थायी पुल और सड़क का निर्माण कर उन्हें इस टापू जैसी ज़िंदगी से मुक्ति दिलाई जाए।

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