युवाओं में बढ़ती चिंता और ध्यान की शक्ति

सिटी हलचल न्यूज 

आज के समय में युवा अवसरों के समुद्र में तैर रहा है लेकिन उसकी चिंता बहुत ही गहरी है ।प्रतियोगी परीक्षाओं का दबाव नौकरी में आई स्थिरता आर्थिक अनिश्चित रिश्तो में बहुत ज्यादा समस्या सोशल मीडिया पर निरंतर तुलना यह सब मिलकर ऐसा मानसिक बोझ बना रहे हैं ।जो दिखाई नहीं देता है पर भीतर से खोखला करता जा रहा है।अभी बहुत सारे अध्ययन के अनुसार 18 से 30 वर्ष के युवाओं में तनाव चिंता अवसर डिप्रेशन इत्यादि मामले में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।इन स्थिति में ध्यान केवल एक आरामदायक अभ्यास नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य का सशक्त उपकरण है। ज्ञान हमें वर्तमान क्षण में जीना सिखाता है जहां अतीत का पछतावा और भविष्य की चिंता की जगह वर्तमान ले लेती है जब कोई युवा प्रतिदिन थोड़ी देर के लिए ध्यान करता है तो अपने विचारों और भावनाओं को बिना जजमेंट के देखना सीखना है


और यह अभ्यास मन में स्वीकार्यता और स्थिरता ले आता है जिससे आत्मा विकास विकसित होने लगता है। ध्यान का सबसे बड़ा लाभ है फोकस और  स्पष्टता... डिजिटल युग में जहां हर पल सैकड़ो सूचनाओं दिमाग में चोट कर रही है वही ध्यान एक फिल्टर की तरह काम करता है यह मन को भटकने से रोककर लक्ष्य की ओर केंद्रित करता है यही कारण है की पढ़ाई खेल कल या किसी भी पेशे में ध्यान देने वाले युवाओं का प्रदर्शन बेहतर होता है।इसके अलावा ध्यान आत्म दया को बढ़ावा देता है स्वयं को समझने में क्षमता प्रदान करता है यह हमें सिखाता है की असफलता कोई अंत नहीं है बल्कि सीखने और आगे बढ़ने का अवसर है जब हम खुद से दया और सहानुभूति से पेश आते हैं तो बाहरी आलोचना भी व्यक्ति को तोड़ नहीं पाती है। आज युवाओं की चिंता केवल व्यक्तिगत चुनौती नहीं है

बल्कि सामाजिक चिंता का विषय है अगर हम एक ऐसी पीढ़ी चाहते हैं जो मानसिक रूप से मजबूत संतुलित और रचनात्मक हो तो ध्यान को उसके जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनना होगा। क्योंकि जिसने अपने भीतर शांति का दीपक जला लिया है वही दुनिया के बहुत सारे समस्याओं और तूफान का सामना कर सकता है। आज जिस प्रकार से मानसिक समस्याएं बढ़ रही है और जो शारीरिक समस्याओं का रूप भी ले ले रही है उसमें ध्यान अत्यधिक सहयोगी सिद्ध होता है।आचार्या पारोमिता जी ध्यानयोग, ज्योतिषाचार्य, हीलर, आध्यात्मिक उपदेशक 7851953175

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