बायसी/मनोज कुमार
बिहार सहित बंगाल के विभिन्न जिलों का दुर्दान्त डकैत सुशील मोची को पूर्णिया पुलिस और एसटीएफ ने इनकाउंटर में मार गिराया हैं। दुर्दान्त डकैत पूर्णिया कटिहार सहित बंगाल में कई डकैती की घटना को अंजाम दे चुका हैं। घटना बायसी थाना क्षेत्र के ताराबाड़ी घाट के समीप देर रात्रि घटी है।घटना के संबंध में बताया जाता है कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि दुर्दान्त डकैत सुशील मोची अपने साथियों के साथ तारबाड़ी घाट स्थित बहियार में जमा हैं और किसी बड़े घटना को अंजाम देने वाला हैं। जिसके बाद एसटीएफ की टीम और अनगढ़,अमौर थाना पुलिस मौके पर पहुँची। वहीं पुलिस टीम देखते ही डकैत गोली चलाना शुरू कर दिए। वहीं पुलिस की ओर से भी जबाबी फायरिंग की गई। लगभग 10 मिनट तक रह रह कर दोनों तरफ से गोली चलती रही, फिर अचानक गोली चलना बंद हो गया। जिसके बाद पुलिस ने मक्के के खेत मे सर्च अभियान चलाया, जहाँ एक शव बरामद हुआ। शव को पहँचान दुर्दान्त डकैत सुशील मोची पिता रामेश्वर राम साकिन कलदिया थाना अनगढ़ जिला पूर्णिया के रूप में हुई है। मृत डकैत पर बिहार पुलिस ने 1.50 लाख का इनाम घोषित कर रखा था
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पूर्णिया एसपी कार्तिकेय शर्मा, डीआईजी प्रमोद कुमार मण्डल पहुँचकर घटना की जानकारी लिये। वहीं पूर्णिया से एफएसएल की टीम मौके पर पहुँच सारे सबूत को इकट्ठा की। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए पूर्णिया भेज दिया हैं
20 डकैतों के गिरोह का सरदार था सुशील मोची
बता दे कि सुशील मोची गिरोह का नेटवर्क पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के अपराधी गिरोह से भी जुड़ा हुआ है। पूर्णिया सहित सीमांचल के कटिहार,अररिया एवं किशनगंज जिले में करीब 100 से ज्यादा घटना को अंजाम से चुका है, हालांकि पुलिस थाने में 28 मामलें ही दर्ज है। इसके गिरोह में ज्यादातर बंगाल के अपराधी शामिल है। जब भी किसी बड़े घटना को अंजाम देने जाता है तो 15 से 20 की संख्या में गाड़ियों से जाता है। सुशील मोची बम बनाने में भी एक्सपर्ट हैं, डकैती की घटना को अंजाम देते वक्त जरूरत पड़ने पर मौके पर ही मिनटों में बम बना लेता था। बम बनाने में इतना माहिर था कि अगर ग्रामीण पीछा करते थे तो दौड़ते दौड़ते भी बम बनाकर ग्रामीणों पर हमला कर देता था। बताया जाता है कि सुशील मोची किसी भी घटना को अंजाम देने के लिए खाली हाथ जाता था, ताकि रास्ते मे कही पकड़ा न जाय। मगर जहाँ उसे डकैती की घटना को अंजाम देना होता था वहाँ पहले से ही भिखारी के रूप में उसके गिरोह के लोग रहते थे जो डकैतों के पहुँचने पर हथियार दे देते थे। मृतक कटिहार जेल में बंद था, हाल ही में जेल से छुटा था और आपराधिक घटना को अंजाम देना शुरू कर दिया था। एक साल पूर्व पूर्णिया पुलिस ने भी इसकी पत्नी को लूट के सामान के साथ गिरफ्तार किया था।