पूर्णिया पूर्व/राजेश यादव
कटिहार मोड़ टोओपी क्षेत्र के कटिहार मोड़ स्थित भारतीय स्टेट बैंक से 12 लाख रुपये निकालकर घर जा रहे एक व्यापारी ने कटिहार मोड़ टोओपी में बुधवार को आवेदन देकर उनसे मंगलवार शाम लूट की घटना की जानकारी दिया था, जो पूरी तरह से सदर एसडीपीओ की जांच में फर्जी निकला है। पुलिस के पूछताछ में यह पता चला है कि जिस व्यक्ति पर लूट का आवेदन दिया गया था, आवेदक उसे 3 साल पहले 2 लाख व्यापार करने के लिए लिया था। उसके बाद से वह नजर ही नहीं आता था। मंगलवार को प्रमोद यादव के पुत्र नीतीश कुमार यादव जब खुश्की बाग के कटिहार मोड़ स्थित एसबीआई के ब्रांच में पैसा जमा करने के लिए पहुंचा तो देखा कि उनके पिता से पैसा लेने वाला संतोष साहनी आया हुआ है
उन्होंने अपने पिता प्रमोद यादव को फोन करके यह जानकारी दी। उसके बाद संतोष साहनी बैंक से 12 लाख के निकासी कर अपने बिजनेस पार्टनर मोहम्मद समसुल को ले जाने के लिए दे दिया और वह जाने लगा। इस पर नीतीश कुमार यादव ने उसे रुकने के लिए कहा, जब वह नहीं रुक और बुलेट लेकर जाने लगा, तब नीतीश कुमार यादव ने संतोष साहनी के बुलेट का चाबी निकालने लगा। इसके बाद संतोष साहनी वहां से फरार हो गया। उसके बाद नीतीश ने देखा कि संतोष साहनी का पार्टनर टेंपो एक और व्यक्ति के साथ टेंपो पर बैठकर बिलोरी की ओर जाने लगा। तो इसकी जानकारी उन्होंने अपने पिताजी को देखकर शारदा टॉकीज स्थित चौक के समीप टेंपो रोक कर नीतीश और उनके पिताजी ने उसे उतार लिया और उसे अपने पार्टनर संतोष साहनी को बुलाने के लिए कहने लगा और कहां की वह नहीं आएगा तो तुम यही रहोगे। यहां मोहम्मद समसुल 1 घंटे तक बिठाया गया। इसी बीच यहां हाथापाई हो गई और मोहम्मद समसुल को प्रमोद यादव और नीतीश कुमार यादव एवं अन्य लोगों के द्वारा बुरी तरह से मारपीट कर दिया गया। जिससे उसके सिर और आंख में गंभीर चोट लग गया
यह मामला उसे समय तूल पकड़ लिया, जब किसी अन्य लोगों द्वारा उन्हें उकसाया गया। यहां बैंक से 12 लाख उसी निकालना के प्रमाण के आधार पर प्रमोद यादव और उनके बेटे सहित अन्य लोगों पर 12 लाख लूट के साथ-साथ मारपीट की घटना का आरोप लगाते हुए, मंगलवार की घटना के 24 घंटे बाद बुधवार को शाम में कटिहार मोड़ टोओपी में आवेदन दिया, जो जांच किया गया तो फर्जी लग रहा था। यह मामला संध्या संदेहास्पद होने के कारण इस मामले को दर्ज नहीं किया गया था और दोनों पक्ष को गुरुवार 11 बजे टीओपी पर बुलाया गया था। जहां मामले का खुलासा हो गया, मीडिया में यह खबर आने के बाद सदर एसडीपीओ पंकज शर्मा ने थाना पहुंचकर इस मामले के सभी लोगों से पूछताछ किया जहां मामला पूरी तरह से फर्जी निकला।आपस में पैसे लेनदेन को लेकर मारपीट हुई थी, लूट का मामला नहीं है। आज दोनों को थाना बुलाकर एसडीपीओ के द्वारा मामले की जांच की गई, जिसमें यह तथ्य सामने आया है।कार्तिकेय शर्मा, एसपी, पूर्णिया।