पूर्णियां से बालमुकुन्द यादव की रिपोर्ट
पूर्णिया: हिंदी साहित्य के महान कवि नाटककार कहानीकार जयशंकर प्रसाद की जयंती आज कानू हलवाई विकास मंच की ओर से आयोजित की गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक थे
उन्होंने कहा कि इनका जन्म वाराणसी में 1889 ईसवी में हुआ था तथा इनकी मृत्यु 1937 ईस्वी में हुई थी। इनकी काव्य कृतियों में कामायनी कानन कुसुम झरना आंसू लहर प्रमुख प्रमुख है। मंगला प्रसाद पारितोषिक से जी सम्मानित किया गया था। नाटक में अजातशत्रु चंद्रगुप्त स्कंद गुप्त ध्रुव स्वामिनी काफी लोकप्रिय हुआ।उन्होंने कई एक उपन्यास तथा नाटक भी लिखा। उनकी रचनाओं में छायावाद की झलक मिलती है
वही रंजीत गुप्ता ने कहा कि जयशंकर प्रसाद की कामायनी एक महान ग्रंथ के रूप में जानी जाती है। सृष्टि के प्रथम प्रलय को जिसेअकेले मनु ने देखा था उसका चित्रण उन्होंने अपनी कविता में बड़े ही सुंदर आकर्षक एवं मार्मिक रूप से व्यक्त किया है।इस अवसर पर वीरेंद्र कुमार साह, अशोक कुमार साह, पंकज कुमार साह, भानु प्रसाद, शंभू प्रसाद इत्यादि शामिल थे।
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