पूर्णिया/सिटी हलचल न्यूज
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी), नई दिल्ली की प्रतिष्ठित रिपर्टरी कंपनी द्वारा आयोजित रंग षष्ठी नाट्य महोत्सव का 22 सितम्बर 2025 को विद्या विहार आवासीय विद्यालय, पूर्णिया के रविबंश नारायण मिश्र मेमोरियल ऑडिटोरियम में सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह आयोजन बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग तथा विद्या विहार आवासीय विद्यालय के सहयोग से सम्पन्न हुआ और एनएसडी रंगमंडल की गौरवशाली 60 वर्षों की यात्रा (1964–2024) का हिस्सा रहा।कार्यक्रम की शुरुआत सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर की गई, जिसके बाद दो दिवसीय नाट्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ।
दो दिवसीय आयोजन के अंतर्गत
– 21 सितम्बर को “माई री, मैं का से कहूँ”
– 22 सितम्बर को “बाबूजी”
का मंचन किया गया
दोनों प्रस्तुतियाँ पारंपरिक नौटंकी शैली में थीं, जिनमें लोकप्रिय संगीत और रंगमंचीय शिल्प का सुंदर समावेश रहा। दर्शकों ने इन नाटकों को न केवल सराहा बल्कि भावनात्मक रूप से भी जुड़ाव महसूस किया।समापन दिवस पर प्रस्तुत नाटक “बाबूजी” राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल की एक सशक्त प्रस्तुति रही। यह नाटक प्रसिद्ध साहित्यकार श्री मिथिलेश्वर की कहानी पर आधारित है, जिसका नाट्य रूपांतरण श्री विभांशु वैभव ने किया है और निर्देशन श्री राजेश सिंह, प्रमुख, एनएसडी रंगमंडल ने किया। “बाबूजी” एक कलाकार के जीवन संघर्षों को केंद्र में रखता है, जहाँ वह समाज की रूढ़ियों, पारिवारिक अपेक्षाओं और अपनी कला के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करता है।एनएसडी रंगमंडल ने इस सांस्कृतिक यात्रा के दौरान पूर्णिया के केंद्रीय कारागार का भी दौरा किया। रंगमंडल प्रमुख श्री राजेश सिंह और स्थानीय रंगकर्मी/एनएसडी के पूर्व छात्र श्री मिथिलेश राय के सहयोग से कलाकारों ने जेल अधीक्षक श्री मनोज कुमार से संवाद किया और बंदियों के साथ सांस्कृतिक संवाद स्थापित किया
यह पहल रंगमंडल के लिये सामाजिक परिप्रेक्ष्य को समझने और अपनी कलात्मक दृष्टि को विस्तार देने का माध्यम बनी।तीन दिन (20, 21 और 22 सितम्बर) तक एनएसडी टीम के रहने, खाने-पीने और स्वागत-सत्कार की उच्चतम व्यवस्था विद्या विहार आवासीय विद्यालय की ओर से की गई। सभी कलाकारों एवं अतिथियों को विद्या विहार परिवार की ओर से स्मृति-चिह्न (मोमेंटो) और शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। सभी उपस्थित अतिथि और कलाकारों ने विद्या विहार के सचिव एवं पूरे परिवार की प्रशंसा की और कहा कि भोजन, आवास और आतिथ्य में कहीं कोई कमी नहीं रही।कार्यक्रम में विद्या विहार परिवार के निदेशक श्री रंजीत पाल, प्राचार्य श्री निखिल रंजन, सचिव श्री राजेश चन्द्रा मिश्रा, पूर्णिया कॉलेज की प्राचार्या श्रीमती सावित्री सिंह, एनएसडी रंगमंडल प्रमुख श्री राजेश सिंह के अलावा विशिष्ट अतिथि श्री विश्वेक चौहान, श्री रवि साहा, श्री सी.के. मिश्रा, श्री स्वरूप दास, श्री त्रिदीप मुखर्जी, श्री अक्षय शर्मा, श्री उमेश जी, श्री रमेश मिश्रा जी तथा लगभग 100–200 रंगप्रेमी नागरिक पूर्णिया और आसपास के शहरों से उपस्थित रहे।विद्या विहार के निदेशक श्री रंजीत पाल ने कहा – “हमारे विद्यालय में एनएसडी रंगमंडल की मेजबानी करना हमारे लिये गर्व की बात है। यह आयोजन विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर के रंगमंच से जोड़ता है।”विद्यालय के प्राचार्य श्री निखिल रंजन ने कहा – “एनएसडी रंगमंडल ने हमारे विद्यार्थियों को प्रेरणा दी है। इस कार्यक्रम से नयी पीढ़ी में कला और संस्कृति के प्रति रुचि और संवेदनशीलता दोनों बढ़ी है।”सचिव श्री राजेश चन्द्रा मिश्रा ने कहा – “विद्या विहार हमेशा से संस्कृति और शिक्षा को जोड़ने का काम करता रहा है। एनएसडी का यह आयोजन पूर्णिया के सांस्कृतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ गया है।”पूर्णिया कॉलेज की प्राचार्या श्रीमती सावित्री सिंह ने कहा – “यह आयोजन हमारे क्षेत्र के छात्रों के लिये सीखने और समझने का अनूठा अवसर है। हमें गर्व है कि हमारे शहर में राष्ट्रीय स्तर का नाट्य आयोजन हुआ।”एनएसडी रंगमंडल प्रमुख श्री राजेश सिंह ने कहा – “पूर्णिया जैसे सांस्कृतिक नगर में प्रस्तुति देना हमारे लिये सम्मान की बात है। विद्या विहार की मेजबानी और पूरे शहर की भागीदारी ने इस आयोजन को यादगार बना दिया।”कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्या विहार के सचिव, निदेशक, प्राचार्य, शिक्षकों, मेंटेनेंस टीम, मैस स्टाफ, ऑडिटोरियम स्टाफ और सभी विभागों का अतुलनीय सहयोग रहा। तीन दिनों तक एनएसडी टीम और अतिथियों के लिये उच्चतम स्तर की मेहमाननवाज़ी की गयी। इस दौरान होटल क्रिस्टल ब्लू का भी विशेष सहयोग रहा, जिसने लगातार तीन दिनों तक अपनी उत्कृष्ट हॉस्पिटैलिटी प्रदान की।इस आयोजन को सफल बनाने में राहुल शांडिल्य (जन संपर्क पदाधिकारी) और कार्यक्रम संयोजक श्री मिथिलेश राय का भी विशेष योगदान रहा।एनएसडी रंगमंडल की यह यात्रा पूर्णिया के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक ऐतिहासिक अध्याय के रूप में दर्ज हो गई है, जिसमें रंगमंच, समाज और संवाद का सुंदर समावेश देखने को मिला।
दोनों प्रस्तुतियाँ पारंपरिक नौटंकी शैली में थीं, जिनमें लोकप्रिय संगीत और रंगमंचीय शिल्प का सुंदर समावेश रहा। दर्शकों ने इन नाटकों को न केवल सराहा बल्कि भावनात्मक रूप से भी जुड़ाव महसूस किया।समापन दिवस पर प्रस्तुत नाटक “बाबूजी” राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल की एक सशक्त प्रस्तुति रही। यह नाटक प्रसिद्ध साहित्यकार श्री मिथिलेश्वर की कहानी पर आधारित है, जिसका नाट्य रूपांतरण श्री विभांशु वैभव ने किया है और निर्देशन श्री राजेश सिंह, प्रमुख, एनएसडी रंगमंडल ने किया। “बाबूजी” एक कलाकार के जीवन संघर्षों को केंद्र में रखता है, जहाँ वह समाज की रूढ़ियों, पारिवारिक अपेक्षाओं और अपनी कला के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करता है।एनएसडी रंगमंडल ने इस सांस्कृतिक यात्रा के दौरान पूर्णिया के केंद्रीय कारागार का भी दौरा किया। रंगमंडल प्रमुख श्री राजेश सिंह और स्थानीय रंगकर्मी/एनएसडी के पूर्व छात्र श्री मिथिलेश राय के सहयोग से कलाकारों ने जेल अधीक्षक श्री मनोज कुमार से संवाद किया और बंदियों के साथ सांस्कृतिक संवाद स्थापित किया
यह पहल रंगमंडल के लिये सामाजिक परिप्रेक्ष्य को समझने और अपनी कलात्मक दृष्टि को विस्तार देने का माध्यम बनी।तीन दिन (20, 21 और 22 सितम्बर) तक एनएसडी टीम के रहने, खाने-पीने और स्वागत-सत्कार की उच्चतम व्यवस्था विद्या विहार आवासीय विद्यालय की ओर से की गई। सभी कलाकारों एवं अतिथियों को विद्या विहार परिवार की ओर से स्मृति-चिह्न (मोमेंटो) और शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। सभी उपस्थित अतिथि और कलाकारों ने विद्या विहार के सचिव एवं पूरे परिवार की प्रशंसा की और कहा कि भोजन, आवास और आतिथ्य में कहीं कोई कमी नहीं रही।कार्यक्रम में विद्या विहार परिवार के निदेशक श्री रंजीत पाल, प्राचार्य श्री निखिल रंजन, सचिव श्री राजेश चन्द्रा मिश्रा, पूर्णिया कॉलेज की प्राचार्या श्रीमती सावित्री सिंह, एनएसडी रंगमंडल प्रमुख श्री राजेश सिंह के अलावा विशिष्ट अतिथि श्री विश्वेक चौहान, श्री रवि साहा, श्री सी.के. मिश्रा, श्री स्वरूप दास, श्री त्रिदीप मुखर्जी, श्री अक्षय शर्मा, श्री उमेश जी, श्री रमेश मिश्रा जी तथा लगभग 100–200 रंगप्रेमी नागरिक पूर्णिया और आसपास के शहरों से उपस्थित रहे।विद्या विहार के निदेशक श्री रंजीत पाल ने कहा – “हमारे विद्यालय में एनएसडी रंगमंडल की मेजबानी करना हमारे लिये गर्व की बात है। यह आयोजन विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर के रंगमंच से जोड़ता है।”विद्यालय के प्राचार्य श्री निखिल रंजन ने कहा – “एनएसडी रंगमंडल ने हमारे विद्यार्थियों को प्रेरणा दी है। इस कार्यक्रम से नयी पीढ़ी में कला और संस्कृति के प्रति रुचि और संवेदनशीलता दोनों बढ़ी है।”सचिव श्री राजेश चन्द्रा मिश्रा ने कहा – “विद्या विहार हमेशा से संस्कृति और शिक्षा को जोड़ने का काम करता रहा है। एनएसडी का यह आयोजन पूर्णिया के सांस्कृतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ गया है।”पूर्णिया कॉलेज की प्राचार्या श्रीमती सावित्री सिंह ने कहा – “यह आयोजन हमारे क्षेत्र के छात्रों के लिये सीखने और समझने का अनूठा अवसर है। हमें गर्व है कि हमारे शहर में राष्ट्रीय स्तर का नाट्य आयोजन हुआ।”एनएसडी रंगमंडल प्रमुख श्री राजेश सिंह ने कहा – “पूर्णिया जैसे सांस्कृतिक नगर में प्रस्तुति देना हमारे लिये सम्मान की बात है। विद्या विहार की मेजबानी और पूरे शहर की भागीदारी ने इस आयोजन को यादगार बना दिया।”कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्या विहार के सचिव, निदेशक, प्राचार्य, शिक्षकों, मेंटेनेंस टीम, मैस स्टाफ, ऑडिटोरियम स्टाफ और सभी विभागों का अतुलनीय सहयोग रहा। तीन दिनों तक एनएसडी टीम और अतिथियों के लिये उच्चतम स्तर की मेहमाननवाज़ी की गयी। इस दौरान होटल क्रिस्टल ब्लू का भी विशेष सहयोग रहा, जिसने लगातार तीन दिनों तक अपनी उत्कृष्ट हॉस्पिटैलिटी प्रदान की।इस आयोजन को सफल बनाने में राहुल शांडिल्य (जन संपर्क पदाधिकारी) और कार्यक्रम संयोजक श्री मिथिलेश राय का भी विशेष योगदान रहा।एनएसडी रंगमंडल की यह यात्रा पूर्णिया के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक ऐतिहासिक अध्याय के रूप में दर्ज हो गई है, जिसमें रंगमंच, समाज और संवाद का सुंदर समावेश देखने को मिला।
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