सरसी/सुनटुन सिंह
पूर्णियां : बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र के सरसी मे प्रतिबंधित गांजा, कफ सिरप के बाद अब तेजी से स्मैक अपना पैर पसारता जा रहा है। जिसका शिकार नवयुवक हो रहे हैं। जब से बिहार में शराबबंदी हुई है तबसे हीं नशेड़ी नशे के विकल्प में चोरी छिपे कफ सिरप, सुलेशन, थिनर, व्हाइटनर, भांग, गांजा, गुटखा, देशी शराब का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। इन सभी नशीले पदार्थों में सबसे ज्यादा स्मैक का प्रयोग कर रहे हैं। सरसी में खुलेआम नशे का बाजार फल-फूल रहा है। स्मैक एवं शराब माफिया अवैध रूप से नशीले पदार्थों की सप्लाई कोड के द्वारा कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि स्मैक को माचिस की डिब्बी में भरकर सप्लाई किया जाता है। जिससे अभी तक प्रशासन जानकर भी अंजान हैं। जबकि नशे की लत से स्वास्थ्य और आर्थिक हानि होती है
पुलिस अगर ठान ले तो खत्म हो सकती है यह घातक नशा
सरसी बाजार से लेकर गांवों तक स्मैक के नशे ने अपनी जडे़ जमा ली है। स्मैक का कारोबार लगातार बढ़ गया है और इसके गिरफ्त में पूरी तरह से नवयुवक वर्ग आ गया है। इस मामले में जिम्मेदार पूरी तरह से बेखबर हैं। नशे में धूम्रपान से लेकर शराब का सेवन तो किया ही जा रहा है। इसके अलावा जो इन दिनों नशा नसों में उतारा जा रहा है, उनमें स्मैक का नाम पहले पायदान पर लिया जा रहा है। लोगों का मनना है कि अगर पुलिस चाह ले तो नशा पर रोक लग सकती है। पुलिस की उदासीनता के चलते अवैध शराब, गांजा, स्मैक के सप्लायरों अपना व्यवसाय चला रहे हैं। यदि पुलिस इस तरह की मुहिम शुरू करें, तो इस नशे की लत के शिकार युवाओं के परिजनों से भी उन्हें सहयोग मिल सकता है।
स्मैकर गैंग लूट, छिनतई, चोरी जैसी घटनाओं को दे रहे अंजाम
सरसी क्षेत्र में स्मैक तस्करों की बढ़ती सक्रियता से ज्यादातर युवा व किशोर स्मैक के नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। स्मैक के लती ये युवा से लेकर किशोर तक स्मैक खरीदने के लिए चोरी, छीनाझपटी, लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। अगर पुलिस प्रशासन के साथ-साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधि स्मैक के खिलाफ प्रभावी अंकुश लगाने को आगे नहीं आए तो युवा पीढ़ी इसके दलदल में धसते चले जाएंगे और सरसी का भविष्य स्मैक के धूंआ में धूंध हो जाएगा। फल-फूल रहा अवैध नशे का कारोबार सूत्रों का कहना है कि अवैध शराब विक्रेता छोटे-मोटे किराना दुकान, पान की गुमटी, चाय-नाश्ते, मेडिकल की दुकानों में रख कर शराब बेचा करते हैं। उक्त दुकानदारों को शासकीय शराब ठेकेदार और प्रशासनिक ठेकेदार द्वारा शराब उपलब्ध कराया जाता है
ताकि शराब को ज्यादा से ज्यादा बेच कर अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सके। जिसे लेकर पुलिस प्रशासन कभी-कभी छोटे-मोटे अवैध शराब कारोबारियों को पकड़ कर जहां वाहवाही लुटने लगते है। वही बड़े अवैध शराब कारोबारी बाजार में धड़ल्ले से अपना व्यवसाय को अंजाम दे रहे हैं और उनके उपर बड़े-बड़े साहब का आशीर्वाद प्राप्त रहता है। यदि नशे की कारोबार पर नकेल ना कसी गई तो वह दिन दूर नहीं जब सरसी में सिर्फ नशेड़ियों का अड्डा होगा। सुनसान जगहों पर नसों में उतारा जा रहा है स्मैक इन दिनों जो नशा नसों में उतारा जा रहा है, उनमें स्मैक का नाम सबसे ऊपर है। सूत्र बतातें है कि स्मैक पुड़िया अलग अलग मात्राओं में आसानी से ऊंचे दामों में उपलब्ध हो रही है। जानकार बताते हैं कि सुनसान रहने वाले स्थलों साहब के कार्यालय के इर्दगिर्द पर इसका व्यवसाय ज्यादा फल-फूल रहा है। बताया जाता है सरसी स्टेशन परिसर, सरसी हाई स्कूल मैदान, विरान पड़ा कोसी कॉलोनी,आम का बगीचा,कुड़वा घाट रोड,मन्ना रोड, एवं विभिन्न जगह के सरकारी खंडहर भवनों में नसेड़ी स्मैक से लेकर नशे का इंजेक्शन लेने वाले शौकीन आसानी से देखे जा सकते हैं। स्कूल-कालेज तक बाइकर्स गैंग पहुंचा रहे स्मैक नशे के कारोबारियों के लिए स्कूली और कालेजिया बच्चे स्पेशल टार्गेट होते हैं। अपने दोस्तों पर रौब जमाने के चक्कर में वे बाइकर्स गैंग में शामिल हो जाते हैं और उनके खर्चे उठाने लगते हैं। उनकी संगति का असर यह होता है कि बाद में वे खुद भी नशे के आदि हो जाते हैं। गैंग वाले पहले एक छात्र को नशे का आदी बनाते हैं और फिर दूसरे छात्रों को जोड़ने के लिए उकसाते हैं। इसके लिए उन्हें कुछ दिन तक फ्री में नशा का सामान देते हैं। बिहार में शराबबंदी होने के बाद धूम्रपान करने वालों की संख्या घटने के बजाय और बढ़ गई है। इसमें 13 साल से लेकर 25 वर्ष तक की आयु के युवा खासकर अच्छे-अच्छे परिवारों के पढ़ें लिखे नवयुवक शामिल हैं।
Ashwani
ReplyDeleteइस पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए । साथ हीं समाज के लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा । आज जिस गति से यह फल फूल रहा है , उससे तो यही लगता है कि आने वाले समय में यह एक विकराल रूप धारण कर समाज को बर्बाद कर देगा । समाज के लोगों से विनम्र निवेदन है कि स्वतः संज्ञान लेकर इस समस्या का समुचित उपाय खोजने का कष्ट करें ।
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