डाक बंगला चौक से हालधरपुर होते हुए दुर्गागंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक। नर्सिंग होम के नाम से फर्जीवाड़ा

 

संवाददाता:- प्रभात सिंह

कदवा प्रखंड क्षेत्र मैं इन दिनों प्राइवेट अस्पतालों के नाम पर कई नर्सिंग होम आशा एवं बिजोलिया के साथ-साथ दलालों के सपोर्ट से फल फूल रहा है। प्रत्येक नर्सिंग होम में दो-चार दलाल एवं बिजोलिया के द्वारा नर्सिंग होम में भर्ती कराना, चोरी चुपके गर्भपात कराना प्रसूता परिवार के परिजन को डराते हुए ऑपरेशन करवाना। कमीशन के चक्कर में कई नर्सिंग होम में प्रैक्टिशनर डॉक्टर एवं कंपाउंडर के द्वारा ऑपरेशन करवाना। पेशेंट के साथ जीवन और मौत का खिलवाड़। रोजाना इस क्षेत्र में धरले से चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कहीं ना कहीं मिली भगत ऐसा प्रतीत हो रहा है


इस क्षेत्र में जांच के नाम पर कई बार दूसरे प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा जांच के नाम पर खाना पुड़ती की जा रही है। लेकिन अब तक किसी भी नर्सिंग होम में उचित कार्रवाई नहीं, स्थानीय लोगों को देखने के लिए मिल रही है। ऐसी स्थिति में स्थानीय लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है। लोगों में अनर्गल बातों की चर्चाएं जोड़ों पर है। इस क्षेत्र के नर्सिंग होम में साल भी नहीं बीतने पर प्रत्येक नर्सिंग होम में पेशेंट के परिजनों के द्वारा हंगामा होता हुआ हमेशा दिखाई दे रहा है। जब किसी नर्सिंग होम में किसी पेशेंट की जान चले जाती है। तो उसे पुलिस का डर, भय दिखाकर डरा दिया जाता है ।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्थिति बिगड़ने पर उसे किसी प्राइवेट बड़े अस्पताल में रेफर कर दीया जाता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है। कि पेशेंट की रास्ते में ही मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति होने पर नर्सिंग होम के मालिक एवं संचालक के द्वारा दलालों को लगाकर पेशेंट के परिजनों को मान मनोवल करते हुए

लाश को रख कर मुआवजे के नाम पर खरीद बिक्री तक की नौबत आ जाती है। और मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। हाल के ही बीते दिन मनोज भारती नर्सिंग होम में भी एक सहायक डॉक्टर संजीव कुमार के द्वारा ऑपरेशन करने के 8 दिनों के बाद पेशेंट की तबीयत अधिक बिगड़ने से ऐसी घटना घटी जो प्रकाश में सामने आई है। जहां प्रीत परिवार को 2 लाख का चेक पंचायती कर स्थानीय वार्ड सदस्य प्रतिनिधि हैदर अली और समाज सेवी संतोष राय के द्वारा 25 वर्ष मृतक प्रसूता अरुणा देवी के पति रॉबिन राय को दिया। और मामला को रफा दफा कर दिया गया। ऐसा मामला एक नहीं प्रत्येक नर्सिंग होम में हो चुकी है कहीं 3 लाख कहीं चार लाख कहीं 2 लाख परिजनों के द्वारा लेकर मामला को दबा दिया जा रहा है। इस तरह का कृत्य से लोगों का कलयुगी लोगों से विश्वास उठ रहा है। पैसे के सामने इंसानियत फीका पड़ रहा है।

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