मुफस्सिल थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी को क्राइम मीटिंग के दौरान दुर्घटना की मिली थी जानकारी
पूर्णियां पूर्व/सिटी हलचल न्यूज
पूर्णिया पूर्व : पूर्णिया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बेलौरी- सनौली मुख्य सड़क मार्ग के मुखिया मो.हबीब के गोदाम के पास मंझेली की ओर से आ रही ईंट लोड ट्रैक्टर और मुफस्सिल थाना की डायल 112 की पुलिस गाड़ी से टक्कर हो गई, इस टक्कर से ट्रैक्टर सड़क के किनारे गड्ढे में पलट गई। जिससे ट्रैक्टर पर सवार चालक ट्रैक्टर एवं उस पर बैठे एक मजदूर चपेट में आ गया। जिससे ड्राइवर की कमर टूट गई है, जिसे पहले जीएमसी अस्पताल एवं बाद में निजी क्लीनिक में इलाज करवाया जा रहा है। वहीं, उस पर सवार मजदूर दूर जा गिरा। जिससे उन्हें भी गंभीर चोटे आई हैं। घटना के बाद कुछ लोगों ने झूठी अफवाह फैला दी की कि ट्रैक्टर की चपेट में आने वाला ड्राइवर की इलाज के दौरान मौत हो गई है। इससे वहां पहुंची भीड़ बेकाबू हो गई, उसके बाद डायल 112 की गाड़ी पे मौजूद पुलिस जवानों को जमकर पिटाई कर दी गई। किसी तरह वह वहां से जान बचाकर भागा और मुफस्सिल थानाध्यक्ष उत्तम कुमार को इसकी जानकारी दी, उस समय थानाध्यक्ष क्राइम मीटिंग में मौजूद थे
यह जानकारी उन्होंने अपने वरीय पदाधिकारी को देकर घटनास्थल पहुंचे, उसके बाद प्रभारी सदर सीडीपीओ कौशल किशोर कमल, सदर अंचल निरीक्षक, सदर थानाध्यक्ष अजय कुमार, कटिहार मोड़ टीओपी थाना प्रभारी अनुपम राज सहित अन्य कई थानों की पुलिस पदाधिकारी एवं जवान भारी मात्रा में घटनास्थल पर पहुंचे। यहां पुलिस की भारी संख्या देखकर ग्रामीण और भी उग्र हो गए। उनका कहना था कि यह घटना डायल 112 के पुलिस के द्वारा ट्रैक्टर को अवैध वसूली के लिए उसके आगे लगाकर उसे रोकने का प्रयास की, इसी दौरान ट्रैक्टर पुलिस गाड़ी से टकरा ना जाए, इसीलिए वह साइड किया, जिससे ट्रैक्टर का पिछला चक्का गड्ढे में जाकर टूट गया और यह एक्सीडेंट हो कर पलट गया। जिसके नीचे ड्राइवर दब जाने से वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। यहां ट्रैक्टर पर सवार दो लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की बात बताई जा रही है। वहीं पुलिस का एक जवान भी इस एक्सीडेंट में चोटिल हुआ है। यहां यह भी बात चल ही रही थी कि किसी ग्रामीण ने यह अफवाह फैला दी कि घायल ड्राइवर अब्दुल वारिस की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस पर स्थानीय ग्रामीण उग्र हो गए और दुर्घटनाग्रस्त ट्रैक्टर पर लोड ईंट को लेकर डायल 112 की गाड़ी को तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। इस दौरान 112 की गाड़ी का कई सामान चुरा लिए गए और गाड़ी को भी पलट दिया गया। गाड़ी को पलटने के बाद उसका डीजल टंकी को भी तोड़कर डीजल को बोतलों में भरने लगे... यह सब ग्रामीण पुलिस के वरीय पदाधिकारी के सामने कर रहे थे परंतु, पुलिस के पदाधिकारी पूरी तरह से संयम के साथ ग्रामीणों को समझाते बुझाते रहे इस बीच कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व जिप उपाध्यक्ष नीरज सिंह उर्फ छोटू सिंह, पूर्व मुखिया महेंद्र साह सहित अन्य जनप्रतिनिधि इस उग्र भीड़ को शांत करती रही परंतु, उग्र भीड़ किसी की बात को सुनने के लिए तैयार ही नहीं थे। भीड़ में मौजूद लोगों का कहना था कि यह दुर्घटना पुलिस के अवैध वसूली के कारण हुआ है
जब तक उस पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक हम लोग मानने वाले नहीं है। यहां उग्र भीड़ में ज्यादातर नाबालिक बच्चे नजर आ रहे थे, जो ईंट से डायल 112 वाहन को क्षतिग्रस्त कर रहे थे। परंतु, वहां उसे समझने वाला कोई उनके अभिभावक नहीं नजर आ रहे थे। जिस भी बेकाबू होती रही और तांडव मचाती रही, वीडियो बना रहे कई आम लोगों का मोबाइल छीन लिया गया, कई आने जाने वाले लोगों के साथ बदसुलुकी भी की गई। कई बार समझाने गए, पुलिस के साथ भी उपद्रवी धक्का मुक्का करते नजर आए। इसका शिकार एक बार थानाध्यक्ष उत्तम कुमार भी हो गए। हालांकि पुलिस टीम पूरी शांति और धैर्य पूर्वक लोगों को समझती नजर आई। यहां जब पुलिस क्रेन लेकर डायल 112 की गाड़ी को लेने पहुंची तो, सभी ग्रामीण फिर से उग्र हो गए और क्रेन का गेट तोड़ने लगे और क्रेन में मौजूद पुलिस कर्मियों के साथ भी धक्का मुक्की करने लगे। इस दौरान उन्हें बचाने के लिए मुफस्सिल थानाध्यक्ष उत्तम कुमार पहुंचे तो उनके साथ भी धक्का-मुक्की कर दिया गया। भीड़ के गुस्से और उग्र रूप को देखते हुए, वे शांति से मामले को निपटाना ही उचित समझे और वहां से क्रेन को वापस कुछ दूर भेज दिया गया। ग्रामीण एवं परिजन वहां से पुलिस की क्षतिग्रस्त डायल 112 की गाड़ी को नही ले जाने दे रहे थे। उसके बाद ग्रामीणों ने यह शर्त रखी कि क्रेन से क्षतिग्रस्त ट्रैक्टर को ट्रैक्टर मालिक के घर तक पहुंचाया जाए और जो ग्रामीणों द्वारा पुलिस गाड़ी को तोड़फोड़ किया गया है, उस मामले में कोई केस मुकदमा नहीं हो। घटनास्थल पर मौजूद थानाध्यक्ष एवं पुलिस के वरीय पदाधिकारी भी उग्र भीड़ के सामने बेबस नजर आए और उनकी हर शर्त को मानते हुए, क्रेन से उनके ट्रैक्टर को पहले घर भिजवाया गया। उसके बाद उग्र ग्रामीण शांत हुए और वहां से पुलिस का क्षतिग्रस्त वाहन को ले जाने दिया गया। इस दौरान लगभग 4 घंटे तक बेलौरी- सनौली सड़क मार्ग पर पूरी तरह से जाम लगा रहा। जाम के दौरान अगर कोई मोटरसाइकिल भी उधर से निकलने का प्रयास करता था तो उसके साथ भी उपद्रवी बदसलूकी के साथ मारपीट करने पर उतारू हो जाते थे। यह ट्रैक्टर और पुलिस वाहन के टक्कर की घटना 11:00 बजे की है और उस समय से यहां जाम की स्थिति बनी रही तथा लगभग 3 बजे के आसपास यह जाम काफी मशक्कत के बाद मुफस्सिल थाना एवं आसपास के थाना के पुलिस पदाधिकारी तथा सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में तुड़वाया जा सका। यह जाम तुड़वाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी, यहां वे उपद्रवियों के उपद्रव को देखकर खून का घूंट पीते रहे। यहां अवैध वसूली का आरोप लगाकर पुलिस को भद्दी -भद्दी गालियां दी जा रही थी।