गया. गयाजी में संचालित ब्रिटिश स्कूल गुरुकुल के छात्रों ने इस बार भी आईआईटी जेईई एडवांस्ड के रिजल्ट में अपना परचम लहराया है. ब्रिटिश स्कूल गुरुकुल के 14 छात्र सफल हुए हैं. इंस्टिट्यूट के संचालक भीमराज प्रसाद ने कहा कि देश में एक इंस्टीट्यूशन स्तर पर यहां के छात्रों ने अपनी प्रतिभा दिखाते हुए आईआईटी एडवांस की परीक्षा में जो सफलता हासिल की है, वह एक मिसाल है. यह एक इंस्टीट्यूशन के तौर पर देश में बड़ी सफलता है. आईआईटी जेईई एडवांस्ड का रिजल्ट निकाला है. इसमें ब्रिटिश स्कूल गुरुकुल के बच्चे काफी अच्छा किए हैं. हम लोगों का तीन-चार साल पुराना इंस्टीट्यूशन है. सभी टीचर काफी मेहनती हैं और इसके साथ-साथ जब हमारे पास 75 बच्चों ने इस बार आईआईटी एडवांस्ड का परीक्षा दिया था. आईआईटी मेंस की परीक्षा में 25 बच्चों ने क्वालीफाई किया और उसमें से 14 बच्चों ने आईआईटी जेईई एडवांस के रिजल्ट में अपना रैंक लाया. इतने छोटे इंस्टिट्यूट में आईआईटी एडवांस में एक बार में 14 बच्चों का सफल होना जो इंडिया का सबसे टॉप मोस्ट टेक्निकल कंपटीशन है, इसमें बच्चे जाकर यूपीएससी कर सकते हैं. वर्ल्ड लेवल के साइंटिस्ट बन सकते हैं और वर्ल्ड के किसी कोने में जॉब करने की क्षमता उनके पास रहेगी. ऐसे कॉलेज में भेजने के पीछे हमारी टीचर्स टीम का कार्य है. मैं भीमराज प्रसाद इस इंस्टीट्यूशन का मैनेजिंग डायरेक्टर हूं, व्यवस्थापक हूं. जहां पर अच्छे टीचर की व्यवस्था करते हैं. समय-समय पर बच्चों से इंटरव्यू लेकर उसका फीडबैक लिया जाता है. बच्चों से फीडबैक लिया जाता है, की मैथ, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, फिजिक्स की पढ़ाई अच्छी से हो रही है या नहीं. यदि दिक्कत हो रही तो बताइए कि हमारी इंस्टीट्यूशन में क्या कमी है. हर दो-तीन महीने पर फीडबैक कलेक्ट करते हैं. बच्चों के राय और उस कमी को दूर करते हैं. आज जो रिजल्ट है, वह निश्चित रूप से प्रशंसनीय है. हालांकि एक दो बच्चों का रिजल्ट हम लोगों के आशा के रूप नहीं आ पाया. इस टफ एक्जाम में इतनी मेहनत करनी होती है, कि 24 महीना के समय में प्राइमरी तौर पर जो बच्चे टॉप कर रहे होते हैं, वह आगे चलकर कुछ नीचे चल जाते हैं, डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं और धीरे-धीरे पीछे हो जाते हैं. इससे सभी छात्र-छात्राओं को बचना चाहिए. बच्चों को हौसला कभी नहीं छोड़ना चाहिए. 14 रिजल्ट के साथ छात्र अभिषेक कुमार ब्रिटिश स्कूल गुरुकुल का फर्स्ट टॉपर रहा है. श्रेया कुमारी इस इंस्टीट्यूशन का सेकंड टाॅॅपर रही है. इसके साथ एक छात्रा मनीषा कुमारी बहुत ही नीचे से ऊपर जाकर सफल हुई है. इसका पोजीशन काफी नीचे था. मेहनत करके काफी ऊपर आई है. तान्या कुमारी ने भी मेहनत किया और वह भी सफल हुई है.