किशनगंज में मुसलमानों ने वीर जवानों की सलामती लिए की दुआ,पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कारवाई का किया खुला समर्थन

 

किशनगंज /सिटी हलचल न्यूज 

किशनगंज : भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध जारी है। पाकिस्तान के द्वारा लगातार गोली बारी की जा रही है।जिसका मुहतोड़ जवाब भारतीय सेना दे रही है।इस बीच 70% मुस्लिम आबादी वाले बिहार के सीमावर्ती किशनगंज जिले के मुसलमानों ने वीर जवानों की सलामती एवं अमन शांति कायम रहे उसके लिए दुआ मांगी है।मालूम हो कि किशनगंज शहर के चूड़ीपट्टी स्थित मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों में जुमे के नमाज के दौरान वीर जवानों की सलामती के लिए दुआ की गई।इस दौरान नमाजियों ने कहा कि इस्लाम हमें अमन, इंसानियत और न्याय का पैगाम देता ह


। देश की एकता, अखंडता और शांति सर्वोपरि है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का हम खुला समर्थन करते हैं ।लोगो ने कहा कि पाकिस्तान को नेस्तनाबूत कर दिया जाना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसकी पोल पूरी दुनिया के सामने खुल चुकी है ।लोगो ने कहा कि शांति के खिलाफ जो भी ताकते है उसका हम सभी पुरजोर विरोध करते है और हमारे मजहब में यह सिखाया गया है कि जिस वतन में रहते है उस वतन से वफादारी करो ।मौलाना शमीम अख्तर ने कहा कि हमारे बच्चे और देश के वीर जवान सलामत रहे इसके लिए दुआ की गई और यह हमारा फर्ज बनता है ।उन्होंने कहा कि मुल्क में जो हालात है वो काफी गंभीर है और सभी लोग मिल जुल कर रहे यही हम सभी की इच्छा है।गौरतलब हो कि इससे पहले मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा यहां शहर में जुलूस निकाल कर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कारवाई की मांग की गई थी ।भारत बांग्लादेश और नेपाल सीमा से सटे इस सीमावर्ती जिले में पहलगाम में हुए कायराना हमले के दिन से ही मुस्लिम समाज के लोगों में  पाकिस्तान के खिलाफ नाराजगी व्याप्त है

जिले के चौक चौराहे पर पाकिस्तान से जारी युद्ध को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को भी बढ़ा दिया गया है। सीमा क्षेत्र में एसएसबी और सीमा सुरक्षा बल के द्वारा विशेष गश्त अभियान चलाया जा रहा है ।गौरतलब हो कि 1971 में हुए भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान बांग्लादेश सीमा से सटे होने की वजह से युद्ध का असर इस जिले में भी हुआ था ।जिसे देखते हुए यहां का मुस्लिम समाज पूरी एकजुटता के साथ भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने को तैयार है। मुस्लिम युवकों का कहना है कि आखिर कब तक पाकिस्तान के कायराना हरकत को बर्दास्त किया जाएगा इसीलिए इस बार आर पार की लड़ाई हो ही जानी चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां सुकून से रह सके।

Post a Comment

Previous Post Next Post