अमौर/सिटिहलचल न्यूज
पूर्णियां। अमौर प्रखंड के पंचायतों की ग्रामीण सड़के जर्जर ग्रामीण कार्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बेखबर अमौर प्रखंड के पंचायतों की ग्रामीण सड़कें जर्जर अवस्था में है और प्रखंड के 24 पंचायतों के लगभग तीन लाख की आबादी यातायात की गम्भीर समस्याओं से जूझ रही है जिससे यहां के ग्रामीण कार्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बेखर हैं । प्रखंड क्षेत्र में कहने के लिए पक्की सड़कें अवश्य हैं लेकिन जगह-जगह गड्डों में तब्दील इन सड़कों की स्थिति कच्ची सड़कों से भी बदत्तर है । जहां आये दिन दुर्घटनायें होती रहती है और क्षेत्र के आमलोगों को आवागमन में घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है
इस प्रखंड में पीएमजेएसवाई एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित गेरूआ से रसेली मार्ग, खरहिया से शहनगांव मार्ग, बरबट्टा से सिहालो मार्ग, विष्णुपूर से बनगामा मार्ग, विष्णुपूर काशीबाड़ी से बरबट्टा मार्ग, हलालपूर से सिहालो मार्ग, हलालपूर से नंगड़ाटोला मार्ग, बीलूगंज से बलवाटोली मार्ग, बालूगंज से रैली मार्ग, अमौर से ज्ञानडोव मार्ग, एसएच 99 से रंगरैया लालटोली मार्ग सहित कमेवेश प्रखंड के सभी पंचायतों के ग्रामीण सड़के जर्जर अवस्था में है । इस मौलिक जनसमस्याओं से यहां के प्रशासन व प्रतिनिधियों को कोई सरोकार नहीं है । बड़ी-बड़ी घोषणाओं और गुणवत्ता के दावों के साथ सुशासन में बनाई गई इस प्रखंड की अधिकांश पीएमजेएसवाई एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़कें एक साल की अवधि में ही घटिया निर्माण के कारण जर्जर व ध्वस्त हो गई है । नतीजतन स्थानीय लोग गुणवत्ता पर सवाल उठाने लगे हैं
क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण कार्य विभाग इस बात से भलिभांति वाकिफ है कि यह एक बाढ़ प्रभावित इलाका है जहां हर वर्ष बाढ़ का आना तय है और बाढ़ की आढ़ में सड़क निर्माण की गुणवत्ता को आसानी दबाया जा जा सकता है । इस प्रकार संवेदक और ग्रामीण कार्य विभाग की सांठगांठ से क्षेत्र में घटिया स्तर का सड़कों का निर्माण हो रहा है जिस पर गुणवत्ता निगरानी विभाग भी आंख कान मूंद कर स्वीकृति का ठप्पा लगा रही है ताकि योजनाओं की लूटखसोट की बहती गंगा में उन्हें भी हाथ साफ करने का भरपूर मौका मिल सके ।