धूम धाम से मनाई गई महर्षि मेंही की 141 वीं जयंती

 

गुरु महाराज के बताए हुए रास्ते पर चलकर जीवन को धन्य-धन्य करें: अरुण

मुरलीगंज / मिथिलेश कुमार 

मधेपुरा : बीसवीं सदी के महान संत ब्रह्मलीन परम पूज्यपाद महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की 141वीं जयंती रविवार को प्रखंड क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। सत्संग भवन एवं ग्रामीण क्षेत्रों से महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के तैल चित्र को रथ में रखकर जय घोष के बीच शोभा यात्रा निकाला गया। वहीं प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत जोरगामा गांव के वार्ड 4 में सत्संग प्रेमी अरुण लाल दास के घर पर प्रात: एवं संध्या कालीन स्तुति विनती व भजन कीर्तन, सामूहिक ध्यान अभ्यास के साथ भंडारा का आयोजन किया गया। इस दौरान अरुण लाल दास ने प्रवचन देते हुए कहा महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज का अवतरण सन 1885 ई. में बैसाख माह के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी पर मधेपुरा जिला के खोखसी श्याम गांव स्थित उनके ननिहाल में हुआ था


उनका पवित्र जीवन, तपस्या, और सत्संग प्रवचनों ने अनगिनत आत्माओं को आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित किया। संतमत के सिद्धांतों को सरल और सुस्पष्ट रूप में प्रस्तुत कर उन्होंने मानवता को सत्य, प्रेम और भक्ति का अनुपम संदेश दिया। उनके चरणों में नमन करते हुए, हमें उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने और आत्मकल्याण के मार्ग पर अग्रसर होने का संकल्प लेना चाहिए हैं। उनके दिव्य आदर्श सदैव हम सबका मार्गदर्शन करें। उन्होंने बीसवीं सदी के महान संत परम पूज्यपाद महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरू महाराज के बताए

हुए रास्ते पर चलकर ही सदगति की प्राप्ति हो सकती है। उन्होंने कहा कि गुरू महाराज सभी संप्रदाय का सम्मान करते हुए सबको एक सूत्र में बांधकर सम्मलित संतमत नाम दिया। आत्मा व परमात्मा का ज्ञान जन जन तक पहुंचाए। उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर अपने जीवन को धन्य धन्य करें। मौके पर प्रभाष लाल दास, अशोक कुमार, दीपक कुमार, रिप्पू वर्मा, अभिषेक कुमार, स्नेह राज, यश, आयन, निर्मला देवी, रुचि कुमारी, सज्जन कुमारी, अदिति वर्मा, सुनीता देवी, सहित दर्जनों सत्संग प्रेमी मौजूद रहे।

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