कालपीर बीबीगंज का अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र बना नशेड़ियों का अड्डा, लगभग 3 वर्षों से बंद पड़ा भवन

टेढ़ागाछ सिटी हलचल न्यूज संवाददाता 

किशनगंज : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कालपीर स्थित अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र, जो लगभग तीन वर्षों पूर्व लाखों रुपये खर्च कर निर्मित किया गया था, आज अपनी मूल उपयोगिता खो चुका है। आम जनता को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए बनाए गए इस भवन में न डॉक्टर हैं, न नर्स और न ही कोई अन्य स्वास्थ्यकर्मी। स्थानीय सोना देवी,आसिफ रज़ा, आजम आलम, रिंकू पाण्डेय, मनोज दास, रोहित दास, परमात्मा साह, वार्ड सदस्य आलोक प्रसाद शाह, पूर्व प्रमुख महात्मा प्रसाद साह, पूर्व मुखिया सुभाष पंडित, पूर्व मुखिया प्रतिनिधि नाजीर हयात इत्यादि लोगों का कहना है कि यह केंद्र अब नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है, जिससे क्षेत्र की महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है। स्वास्थ्य सुविधा के बिना परेशान ग्रामीण:बीबीगंज और आसपास के गांवों के सैकड़ों गरीब और जरूरतमंद लोग इस केंद्र से स्वास्थ्य सेवा की उम्मीद लगाए बैठे थे


लेकिन वर्षों से केंद्र बंद रहने के कारण उन्हें इलाज के लिए दूरदराज के अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे समय और पैसे दोनों की भारी बर्बादी हो रही है।स्थानीय लोगों ने कहा कि केंद्र में डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ की तत्काल तैनाती की जाए। भवन की सफाई, सुरक्षा और नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए। केंद्र को नशाखोरी और असामाजिक गतिविधियों से मुक्त किया जाए। स्थानीय जिला पार्षद खोशी देवी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों की लागत से बना स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़ा है। मैं जल्द ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में कार्रवाई की मांग करूंगी। यह आम जनता का हक है और सरकार को इसे सुनिश्चित करना ही होगा।"वहीं मुखिया प्रतिनिधि अमित कुमार दास ने कहा, "हम लगातार इस मुद्दे को ग्रामसभा और प्रखंड स्तरीय बैठकों में उठा रहे हैं। प्रशासन से हमारी मांग है कि अविलंब इस केंद्र को क्रियाशील किया जाए

" सरकारें स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जब योजनाओं और बजट की बात करती हैं, तब ज़मीनी हकीकत की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। कालपीर का यह स्वास्थ्य केंद्र प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बन गया है। अब वक्त है कि इस पर ठोस कदम उठाए जाएं और आम लोगों को उनका अधिकार वापस मिले।"स्वास्थ्य सेवा कोई सौगात नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार है.मामले में प्रखंड प्रमुख उजाला परवीन ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि तीन साल से भवन बन कर तैयार है लेकिन चिकित्सक या नर्स की बहाली नहीं होने से भवन खंडहर में तब्दील हो रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित है और तुरंत चिकित्सक की बहाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रखंड क्षेत्र में चिकित्सकों की भारी कमी है और जिला पदाधिकारी एवं सरकार से वो मांग करती है कि डॉक्टर की तैनाती की जाए ।प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रमोद कुमार ने कहा कि इस संबंध में कई बार विभाग को उनके द्वारा पत्र लिखा गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है.

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