कुरसेला/राजशेखर जायसवाल
कटिहार के सीमा पर स्थित कुरसेला परिक्षेत्र गंगा एवं कोसी के संगम तट पर स्थित होने के कारण मछली उत्पादन के लिए काफी ज्यादा चर्चित है। मछली पालन की असीम संभावनाएं यहां पर व्याप्त हैं। ईसको लेकर पूर्व मे जिला प्रशासन के द्वारा रिवर रेचिंग कार्यक्रम के अंतर्गत मछली के बीज को भी गंगा एवं कोसी नदी में गिराया गया था
रविवार को कुरसेला परिक्षेत्र के गंगा नदी से 40.कि.ग्रा. वजन की दो बड़ी मछली मछुओ द्वारा पकड़ी गई। इतनी विशालकाय मछली देखकर मछली मंडी में काफी भीड़ उमड़ गई। विशालकाय बघार मछली पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा। मछलीके जानकारी मछुआरे ने बताया कि गंगा नदी मे मछुए मछली पकङ रहे थे। इसी दौरान मछुआरों ने बङी मछली पर नजर पड़ी। तब मछुओ ने काफी मशक्कत से यह बड़ी मछली पकड़ी। मछुओ द्वारा मछली का नाम बघार बताया जा रहा है। इतनी बड़ी मछली स्थानीय मछुआरों के हाथ आने से उनमें काफी खुशी देखी गई। कुरसेला हाट बाजार में 350 रू.कि.ग्रा. की दर से बेची गई।