पूर्णिया/रौशन राही
नया साल मनाने भले लोग नेपाल व दार्जलिंग, सिलीगुड़ी चले जाए परंतु पूर्णिया जिले के काझा कोठी पार्क का एक विशेष स्थान है। बिहार के लोकप्रिय भूतपूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री के नाम से बने पार्क क्षेत्रफल की दृष्टि से बहुत बड़ा है । सीमांचल के इलाकों से काफी संख्या में लोग यहां नए साल में पिकनिक मनाने आते हैं। दरअसल प्रकृति के गोद मे बसा यह पार्क बच्चें बड़े सभी को भाता है। वहीं सुरक्षा की दृष्टिकोण से पुलिस की भी कड़ी सुरक्षा रहती है । बिहार दौरे पर आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भोला पासवान शास्त्री पार्क को सजाने के लिए करोड़ों की बजट जारी किए हैं जो काझा के मुखिया राजेश कुमार साह के सानिध्य में साज सजावट हो रहा है
पार्क की खूबियां इतनी बेहतर है कि उसका कोई वर्णन नहीं पार्क के एक साइड जगत जननी मां दुर्गा का मंदिर है तो दूसरे तरफ पीर बाबा का दरगाह है । यहां शारदीय नवरात्रि में मेला का आयोजन होता है वहीं पीर बाबा को चादर एवं मुर्गा चढ़ाया जाता है । पार्क में जगह जगह विश्रामालय, रनिंग पैड, फूलदार बागवान, झरने तालाब अत्यंत मनोरम लगता है । इस पार्क में 20 वीं सदी में काफी संख्या में अंग्रेज घूमने आते थे और यहां के लोगों के लिए यह अद्भुत पल होता था । पूर्णिया के कई जिलाधिकारी इस पार्क में सपरिवार पिकनिक मनाकर नया साल इंजॉय किया है । कयास लगाया जा रहा है इस वर्ष भी प्रशानिक टीम पार्क में पिकनिक का आनंद उठाएंगे । मुखिया राजेश कुमार साह ने बताया कि काझा कोठी को पिकनिक स्पॉट के लिए सजकर तैयार है
नव वर्ष में माँ पुरणदेवी का आर्शीवाद महत्वपूर्ण
पूर्णिया जिला का नामकरण ही माँ पुरणदेवी के नाम से हुआ है। करीबी 500 वर्ष पुरानी इस मंदिर में नव वर्ष को माँ का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों का तांता लगता हैं। भीड़ के वजह से छोटा मेला सा नजारा यहाँ लगता हैं, जिसमें बच्चें जमकर खरीदारी भी करते हैं। सुबह की पहली किरण से ही यहाँ पूजा पाठ करने के लिए लोगो की लाइन लग जाती है। पूर्णिया सहित यहाँ देश विदेश से अपनी मनोकामना पूर्ण करने हेतु श्रद्धालु आते हैं। यहाँ जब भी देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री आते है, माँ पुरणदेवी की स्तुति जरूर करते हैं
धुर्वे उद्यान-राजेन्द्र बाल उद्यान बच्चों की पहली पसंद
शहर के बीचों बीच बने राजेन्द्र बाल उद्यान और धुर्वे उद्यान छोटे बच्चों की आज भी पहली पसंद हैं। नव वर्ष में लोग परिवार के साथ यहाँ आते है और खाना बनाकर परिजन के साथ एकसाथ खाने का आनंद लेते हैं। बिहार में लोग से बनभोज भी कहते हैं। वन विभाग द्वारा संचालित इन पार्कों में बच्चें के लिए किसी झूले और खेल के कई प्रबंध किए गए हैं। खुला मैदान में लोग बैठककर धूप के आनंद के साथ साथ डीजे के धुन पर नाचते हुए नए साल की खुशियां मानते हैं। वन विभाग द्वारा कई रंगबिरंगे फूलों के बगीचे, झड़ने, और सेल्फी पॉइंट भी बनाये हैं। यूं तो इन जगहों पर रोजाना लोगो का आना जाना लगा रहता हैं, मगर नए साल के दिन पार्क पूरी तरह से फूल हो जाता हैं।