खास महल के जमीन को सरकार लेगी वापस

पूर्णियां से बालमुकुन्द यादव की रिपोर्ट

पूर्णियाँ शहर के 800 हेक्टेयर से ज्यादा में फैला खास महल का जमीन का स्वरूप भू माफियाओं ने बदल दिया है। अधिकतर जमीन को भू माफियाओं ने बेंच दिया है। कई पर आज भी अतिक्रमण है। वहीं कई लीज धारियों ने आवासीय भू खंड को ब्यवसायिक भू खंड में बदल दिया। अब ऐसे लोगों से सरकार वापस जमीन लेगी। मालूम हो कि बिहार में खासमहल का कुल रकवा 4193 एकड़ है। पटना के बाद सबसे ज्यादा जमीन के मामले में पूर्णिया है। 1915 में यह लीज वैसे लोगो को दिया गया था जिसके पास रहने के लिए अपनी भूमि नहीं थी। यह लीज 33 साल और 99 साल के लिए नियम व शर्त बनाकर दिए गए थे


शहर में प्रभात कॉलोनी, डीएम आवास, रंगभूमि मैदान, उर्सुलाइन स्कूल, थाना चौक, फोर्ड कंपनी, जेल चौक, आर.एन.साव चौक की अधिकतर भूमि खास महल ही है। इन जमीन का अधिकतर भाग भू माफियाओं ने अब बेच डाला है, इसमे वैसे भी लोग है जिनके नाम से लीज था या लीजधारी के वंशज है। उसके अलावे अब इन जगहों पर बड़े बड़े मॉल, होटल और मार्केटिंग कम्प्लेक्स भी बन गए है। दरअसल कोर्ट के एक फैसले के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पूर्णिया जिलाधिकारी एवं कमिश्नर को एक पत्र लिखा था। जिसमे पूर्णिया जिले के खासमहल के लीज धारियों की सूची माँगी थी। जिसमे जमीन की वास्तविक स्थिति पहले क्या थी अब क्या है? जमीन पर कौन लोग बसे है


और कितने में अतिक्रमण है, ऐसे कई रिपोर्ट की माँग की गई थी। जिसकी रिपोर्ट अधिकारियों ने सरकार को सौंप दी है। विभाग ने भूमि अतिक्रमण करने वालो पर कानूनी कार्यवाई कर हर माह रिपोर्ट भी देने को कहा है कि अपने कितने लोगों पर अतिक्रमण की कार्यवाई की है? इस अतिक्रमण के जद में वे भी आएंगे जिन्होंने खासमहल की जमीन खरीदी हो और वहाँ रह रहे है। प्रथम फेज में उनसे जमीन खाली कराया जाएगा। सबसे खास बात यह है कि कई लोग कोर्ट जाकर इस मामले की पेंच फसा सकते है, उनकी दाल यहाँ नहीं गलने वाली है

मालूम हो कि जब लीज दी गई थी उस वक़्त ही नियम व शर्त में यह भी लिखा था कि अगर जब भी सरकार को उक्त भूमि की आवश्यकता होगी सरकार उसका अधिग्रहण कर सकती है। विभाग द्वारा जिला प्रशासन से वैसे भी जमीन की माँग की गई है, जिसकी आवश्यकता सरकार को है। प्रथम फेज में सरकार वैसे लीज की जमीन का अधिग्रहण करेगी, जिसका लीज अवधि पूर्ण हो गया है और उसने आवासीय भूमि को ब्यवसायिक बना दिया हो


अब सवाल उठता है कि इस मामले में किसे राहत मिलेगी? सरकार वैसे लोगो को राहत देगी जिसने नियम व शर्त को न तोड़ा हो। वैसे लीज धारी जिसके जमीन पर सिर्फ उनके ही वंशज रहते हो, और भूमि का आवासीय भू खंड के रूप में ही इस्तेमाल कर रहे हो, वैसे लोगो का जमीन यथावत रहेगा।

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