रुपौली से विकास कुमार झा कि रिपोर्ट
रुपौली प्रखंड क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गिरधर पंचायत स्थित बहदुरा उप स्वास्थ्य केन्द्र अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है, यह उप स्वास्थ्य केन्द्र अब खुद बिमारियों से घिरा हुआ है मानों इसका एक एक ईंट चीख चीख कर यह कह रहा हों हम अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों कि उपेक्षा का शिकार हैं,
जबकि इस उप स्वास्थ्य केन्द्र पर अब अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो चूका है, जबकि जानकार बताते हैं नब्बे के दशक में बहदुरा उप स्वास्थ्य केन्द्र अपने आप में एक सुसज्जित अस्पताल हुआ करती थी, जहां पर डाक्टर, नर्स, फर्मासिस्ट, आदि चौबीस घंटे मौजूद रहते थे। लेकिन यह बात अब दीगार की है,अब ना पहले जैसा आपको भवन मिलेगा ना ही पहले के तरह मेडिकल स्टाफ, आपको जो अब मिलेगा उस उप स्वास्थ्य केन्द्र में वह है खूंटे से बंधी भैंस, पशु के रखने के लिए बना घर आदि।
आपको बताते चलें ग्रामीणों के आवेदन पर अंचलाधिकारी राजेश कुमार 9दिसंबर2020 को पहुंचकर अतिक्रमणकारियों को सात दिनों में उक्त जमीन को खाली करने का निर्देश दिया गया था,लेकिन आज तक अंचलाधिकारी राजेश कुमार का सात दिन पूरा नहीं हुआ है।तब जाकर बहदुरा के युवाओं ने आसा लेकर जिलाधिकारी पूर्णिया के कार्यालय में आवेदन देकर उप-स्वास्थ्य केन्द्र के जर्जर भवन के निर्माण एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र के परिसर अतिक्रमण मुक्त कराने कि गुहार लगाया था, लेकिन आजतक कोई ठोस पहल नहीं किया गया, जबकि युवाओं ने अपने आवेदन में जिला पदाधिकारी पूर्णिया को बताया था,18 अगस्त 2018 को सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति पूर्णिया द्वारा ग्रामीण के आवेदन पर कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति पटना को नामित किया गया था, जिसमें जिक्र किया गया था, बहदुरा उप स्वास्थ्य केन्द्र का भवन जर्जर होकर पूरी तरह से नष्ट हो गया है,
आसपास के दर्जनों गांव के 20 से 25 हजार को स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए 15 से 20 किलोमीटर जाना पड़ता है, रुपौली रेफरल अस्पताल। अंचलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया हमसे रुपौली रेफरल अस्पताल प्रभारी ने स्वस्थ्य विभाग कि जमीन का रिपोर्ट मांगा था तो हम दें दिए,
अतिक्रमण के सवाल पर बोले अभी भवन जर्जर है इसलिए अतिक्रमण है ,जब एएनएम बैठने लगेगी तब ख़ुद अतिक्रमण खाली हो जाएगी।
वहीं रुपौली रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राज आर्यन ने बताया रुपौली रेफरल अस्पताल पत्रांक 452 के द्वारा असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी पूर्णिया को 26 जून 2021 को उनके पत्रांक 1326 के 19 जून 2021 के आलोक में बहदुरा उप स्वास्थ्य केन्द्र कि जांच कर भवन निर्माण के लिए विभाग को भेज दिए हैं, लेकिन अभी तक विभाग के तरफ से कुछ आदेश नहीं आया है। वहीं बिहार विधानसभा से रिपोर्ट मांगी गई थी उसकी भी रिपोर्ट बनाकर भेज दिया गया है जिसमें विधानसभा से जमीन कि रिपोर्ट मांगा गया था , जिसमें उप-स्वास्थ्य केन्द्र बहदुरा, उप-स्वास्थ्य केन्द्र धूसर, उप-स्वास्थ्य केन्द्र नवटोलिया, एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्र श्रीमत्ता का रिपोर्ट भेजा गया है,भवन निर्माण के लिए।
अब सवाल उठता हैं क्या कारण था जो एक सुसज्जित अस्पताल को खंडहरों में तब्दील होने के लिए छोड़ दिया गया इसका जिम्मेदार कौन अधिकारी या जनप्रतिनिधि।
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