अब बांग्लादेशियो को पकड़ने में जुटी निगरानी विभाग की टीम, AIMIM विफरी

किशनगंज/सिटिहलचल न्यूज

जब से मतदाता पुनरीक्षण कार्य की शुरुआत हुई हैं, सीमाँचल में निवास प्रमाण-पत्र बनाने की होड़ लग गई हैं। बताया जाता है कि पूरे सीमाँचल में करीब 5 लाख निवास प्रमाण-पत्र के आवेदन आये हैं। अगर अल्पसंख्यक जिला किशनगंज की बात करे तो सिर्फ जुलाई माह में 2 लाख से ज्यादा आवेदन आये हैं। एक साथ लाखों आवेदन आने से खुफिया विभाग के कान खड़े हो गए हैं। वहीं जिस प्रकार पहले निवास प्रमाण-पत्र आसानी से बनकर मिल जाता था, वहीं अब प्रक्रिया धीमी हो गई हैं। निवास प्रमाण-पत्र के लिए दिए गए आवेदनों की जाँच अब निगरानी विभाग की टीम कर रही हैं। निगरानी विभाग किशनगंज जिले के सभी प्रखंडों में जाकर आवेदन देने वालो का डिटेल ले रही हैं और उनके घर पर जाकर जाँच कर रही हैं। निगरानी विभाग उनसे यह भी पूछताछ कर रही हैं कि वे बिहार में कब से बसे हुए हैं। निगरानी विभाग उनसे सारे कागजातों की जाँच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके वंशज बिहार के हैं या कहीं और से आकर बसे हैं। अगर बिहार के बाहर से हैं तो उस जगह का भी प्रमाण मांगा जा रहा हैं। इसके अलावे लोगो के द्वारा दिये गए प्रमाण-पत्रों का फिर अँचल कार्यालय जाकर उसकी सत्यता की जाँच की जा रही हैं।बता दे कि सरकार को शक है कि सीमाँचल इलाकों में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी, नेपाली और म्यांमार के नागरिक रह रहे हैं। मतदाता पुनिरक्षण कार्य मे जो 11 प्रकार के डॉक्यूमेंट माँगे जा रहे हैं, उनमे एक निवास प्रमाण-पत्र भी हैं। इसलिए अचानक लोगों ने निवास प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन दे डाला


 

बांग्लादेशियों को बाहर करो और देशी लोगो का निवास प्रमाणपत्र जारी करो : अख्तरुल ईमान 

एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने निवास प्रमाणपत्र जारी होने में हो रही देरी को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया है। श्री ईमान ने वीडियो जारी कर मतदाताओं से अपने दस्तावेज जमा करने की अपील करते हुए कहा कि सीमांचल में मतदाता पुनरीक्षण अभियान का ड्राफ्ट जारी होने के बाद लाखो लोगों के नाम कट गए है ।उन्होंने कहा कि इलाके के लाखों लोगों ने जिनके पास मतदाता सूची में नाम शामिल करवाने के लिए घोषित दस्तावेज नहीं थे,उन लोगों ने निवास प्रमाणपत्र बनाने के लिए अंचल में आवेदन दिया था। लेकिन अंचल में जिस तरह से कार्य चल रहा है,उससे लग रहा है कि 6 महीने में भी निवास प्रमाणपत्र बनाने का कार्य पूरा नहीं होगा।श्री ईमान ने आगे कहा कि पूर्णिया डीएम से कैंप लगाकर सर्टिफिकेट जारी करने की अपील उनके द्वारा की गई थी लेकिन उनके ऊपर कौन सा दबाव है कि वो कैंप नहीं लगा रहे है।श्री ईमान ने आगे कहा कि बिहार के अन्य जिले में कोई परेशानी नहीं है लेकिन सीमांचल के चारों जिले यथा पूर्णिया,अररिया,किशनगंज,कटिहार में बांग्लादेशी नजर आते है।उन्होंने कहा कि हम भी चाहते है कि जो बांग्लादेशी है उन्हें बाहर निकाला जाए और जो देशी है उन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किया जाए।श्री ईमान ने कहा कि इसको लेकर सीमाँचल के सभी प्रखंड कार्यालयों में एआईएमआईएम धरना दे रही है।उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि अविलंब निवास प्रमाणपत्र लोगो को दिया जाए ताकि आवेदक अपना नाम मतदाता सूची में शामिल करवा सके


सीमाँचल का इलाका बांग्लादेश और नेपाल से सटा हुआ हैं

बता दे कि सीमाँचल किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया का इलाका बांग्लादेश और नेपाल के बॉर्डर को छूता हैं। अक्सर इन इलाकों में बांग्लादेशी नागरिक पकड़े जाते हैं। बांग्लादेश के बिगड़े हालात के बाद बांग्लादेश के नागरिक रोजगार की तलाश में भारत आ रहे हैं। यहाँ आने के बाद कई लोग यही शादी करके बस जाते हैं। 1987 के बाद से अचानक इन इलाकों में मुस्लिम आबादी बढ़ी हैं। सीमाँचल का कई प्रखंडो में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए हैं। अब इनलोगो के पास वोटर लिस्ट में बने रहने की चुनौती हैं। पहले आधार कार्ड और वोटर आई कार्ड बनाने की आसान प्रक्रिया के कारण सभी लोगो ने मुखिया, सरपंच के मिलीभगत से सारा डाक्यूमेंट बनवा लिया हैं, वही निवास प्रमाण-पत्र के माँग के बाद आबादी से ज्यादा आवेदन आने पर खुफिया विभाग अलर्ट है। अब वैसे लोगों की पहँचान में सरकार जुट चुकी हैं।

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