पूर्णियाँ /बालमुकुन्द यादव
पूर्णिया विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग में शनिवार को दो महत्वपूर्ण अवसरों का आयोजन किया गया। एक ओर जहाँ पीजी सत्र 2023–25 के विद्यार्थियों को उनके जूनियर साथियों ने भावभीनी विदाई दी, वहीं दूसरी ओर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अशोक चौधरी के सेवानिवृत्ति पर विशेष सम्मान समारोह भी आयोजित हुआ। पूरे कार्यक्रम के दौरान विभाग का माहौल भावुकता और उत्साह से भरा रहा।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर एवं स्वागत भाषण और पुष्पगुच्छ भेंट कर की गई। जूनियर छात्रों ने अपने सीनियर्स को यादगार तोहफ़े और शुभकामनाएँ देकर उन्हें सम्मानित किया। वहीं, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने विभागाध्यक्ष प्रो. चौधरी के दीर्घ शैक्षणिक योगदान को याद किया और उनके कार्यकाल को विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक बताया।समारोह में विभिन्न प्राध्यापकों व विद्यार्थियों ने अपने विचार व्यक्त किए।प्रोफेसर अशोक चौधरी विभागाध्यक्ष, जूलॉजी ने भावुक होते हुए कहा “विद्यार्थी जीवन सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव है। आप सभी मेहनत और लगन से पढ़ाई करें और समाज व विभाग का नाम रोशन करें
मैंने अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ वर्ष इस विभाग को दिए हैं और यह गर्व की बात है कि मुझे इतने प्रतिभाशाली छात्र मिले।”प्रोफेसर संजीव एचओडी, साइंस ने कहा की आज का दिन जूलॉजी विभाग के लिए ऐतिहासिक है। अशोक चौधरी सर ने अपनी पूरी सेवा अवधि में विश्वविद्यालय को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनका मार्गदर्शन और योगदान हमेशा याद किया जाएगा।प्रोफेसर राधा केवट ने कहा की फेयरवेल हमेशा भावुक कर देने वाला क्षण होता है। जूनियर्स और सीनियर्स का आपसी संबंध और एक-दूसरे के प्रति सम्मान इस विभाग की खासियत है। यह बंधन जीवन भर साथ रहेगा।”प्रोफेसर एस.एन. सुमन विभागाध्यक्ष, गणित ने कहा “जूलॉजी विभाग ने छात्रों को अनुशासन और उत्कृष्टता की शिक्षा दी है। अशोक चौधरी जी ने जिस परंपरा की नींव रखी है, उसे आगे भी बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है
डॉ. नूर आलम बॉटनी विभाग ने कहा अशोक सर केवल एक शिक्षक ही नहीं बल्कि एक सच्चे मार्गदर्शक भी रहे हैं। उनकी कमी पूरे विज्ञान संकाय को हमेशा खलेगी।वहीं, छात्र मोहम्मद बिस्मिल ने कहा हम अपने जुनियर की विदाई समारोह से भावुक हूं । हम अपने जुनियर के हमेशा साथ है हम लोग साथ मिलकर अपने डिपार्टमेंट को अच्छे ढंग से आगे चलाने में सहयोग करेंगे। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और शुभकामनाओं के साथ हुआ। समारोह के अंत में छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर प्रोफेसर अशोक चौधरी के योगदान को यादगार बताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
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