कोलासी संथाली टोला में बांध निर्माण में घोर अनियमितता, कारवाई करने की जरूरत

 

गांव के सामने से काटी जा रही मिट्टी से बाढ़ की जद में आ सकते हैं पूरा इलाक़ा।

आपदा प्रबंधन विभाग के सामने खड़ी चुनौती।

अवैध तरीके से बांध।

कोढ़ा/शंभु कुमार 

एक तरफ जहां सरकार आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत बाढ़ से बचाव को लेकर आमजनों की सुरक्षा को लेकर प्रखंड से लेकर राज्य तक समीक्षा बैठक कर मंथन कर रही है।वहीं दुसरी तरफ कोढ़ा प्रखंड के कोलासी संथाली टोला, उत्तर सिमरिया पंचायत के वार्ड संख्या 12 में कारी कोशी नदी के किनारे निर्माणाधीन बांध को बनाने में संबंधित अधिकारी अपनी मनमानी कर गांव के सटे एक बांध के किनारे से ही मिट्टी उठवा कर बांध का अवैध रूप से निर्माण कार्य करवा रहे हैं। आखिरकार बाढ़ से बचाव की आवश्यकता होती है या विनाशकारी तस्वीरें के इंतजार का। वहीं इस बांध के निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश और अपनी गंभीर चिंता जाहिर किया है।ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बांध निर्माण में न सिर्फ घटिया गुणवत्ता की सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है, बल्कि निर्माण प्रक्रिया भी तकनीकी मानकों की अनदेखी करते हुए की जा रही है


सबसे गंभीर आरोप यह है कि बांध पर मिट्टी भराई के लिए बाहर से लाकर पैक की गई मिट्टी का उपयोग करने के बजाय, गांव के ही घरों के सामने की मिट्टी को काटकर बांध पर डाल कर निर्माण कराया जा रहा है। इससे न सिर्फ घरों की नींव कमजोर हो रही है, बल्कि बरसात के मौसम में कारी कोशी नदी के जलस्तर बढ़ने की स्थिति में पूरे टोला के बाढ़ के समय नदी में समा जाने की आशंका जताई जा रही है।हो सकता है जिस गांव के किनारे से यह मिट्टी बांध पर डाला जा रहा है वह गांव बाढ़ की चपेट की जद में समा जाए ।उस स्थिति के लिए आखिरकार जिम्मेदार कौन होगा।स्थानीय ग्रामीणों में सीता मुर्मू, भीमा हांसदा और सुरेश मरांडी – ने बताया कि यह निर्माण कार्य पूरी तरह अवैज्ञानिक और गैर जिम्मेदाराना तरीके से हो रहा है। बांध पर दी जा रही मिट्टी में न कोई परतबंदी की जा रही है और न ही किसी इंजीनियर की निगरानी में यह कार्य संपन्न हो रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की मंशा भले ही बाढ़ से बचाव की रही हो, लेकिन स्थानीय स्तर पर हो रही अनियमितताओं के कारण यह बांध खतरे से कम नहीं है। मिट्टी की कटाई से घरों के सामने गड्ढे बन गए हैं और आने वाली बरसात में पानी सीधे घरों में घुसने का खतरा मंडरा रहा हैlग्रामीणों ने प्रखंड प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी एजेंसी अथवा संबंधित ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बांध पर केवल मानक के अनुरूप भरी-पैकी हुई और गुणवत्तापूर्ण मिट्टी का ही उपयोग हो, ताकि भविष्य में कोई दुर्घटना न हो और आदिवासी टोला को बाढ़ से सुरक्षित रखा जा सके

प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल

अब तक इस मुद्दे पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। इससे ग्रामीणों में निराशा और आक्रोश दोनों है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि हमें सुरक्षा नहीं मिली तो हम सभी प्रखंड कार्यालय जाकर धरना देंगे और मामले को जिलास्तर तक ले जाएंगे।कारी कोशी नदी पर बनाया जा रहा यह बांध अगर तय मानकों के अनुरूप नहीं बना, तो यह सुरक्षा की जगह आपदा का कारण बन सकता है। इस समय निर्माण कार्य पर विशेष निगरानी और तकनीकी निरीक्षण आवश्यक है ताकि ग्रामीणों का जीवन और उनकी संपत्ति सुरक्षित रह सके।

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