बिहार के नदी व झीलों के आसपास जुटने लगे प्रवासी पक्षियां

कुर्सेला/ सिटी हलचल न्यूज

कटिहार : शरद ऋतु के आगमन तथा कोसी सीमांचल में नदियों का पानी झीलों में सिमटने के साथ ही शोरलाइन बर्ड्स एवं अन्य पक्षी प्रजातियों का आगमन शुरू हो गया है , वहीं कटिहार के गोगाबील झील , कुर्सेला के गाइडबांध, कारी कोसी सहित अन्य कई इलाकों में इन प्रवासी मेहमान पक्षियों का कलरव सुनने को मिलने लगा है। प्रवासी मेहमान पक्षियों में शोरलाइन बर्ड्स एवं अन्य पक्षी प्रजातियों के पक्षि जैसे गोल्डन पेसिफिक प्लोवर, लिट्ल रिंग प्लोवर, ग्रे हेडेड लेप्विंग, यूरेशियन करल्यू, वैगटेल(खंजन), ब्लू थ्रोट, लिट्ल स्टिंट, ग्लॉसी आइबिस, ब्लैक टेल्ड,कॉमन सेंड पाइपर गोंडवीट, रफ, वुड सेंड पाइपर आदि का आगमन शुरू हो गया है 


कहां से आते हैं ये प्रवासी पक्षियां :

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर व माइग्रेटिव बर्ड शोधकर्ता ज्ञानचंद ज्ञानी बताते हैं कि शोरलाइन बर्ड्स अधिकतर यूरोप-एशिया यानी यूरेशियन कन्ट्री-रूस, कजाकिस्तान,तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान व ईरान जो समुद्र से सटे भाग हैं। जहां विंटर में अत्यधिक तापमान गिर जाने पर वहां के स्थानीय झीलों में बर्फ की मोटी चादरें जम जाती है जिससे वहां की झीलें पूरी तरह से जमने लगती है। नतीजतन स्थानीय पक्षी प्रजाति एशिया के मैदानी इलाकों में प्रवास करने करने के लिए आते हैं।जहां इन्हें हमारे यहां बाढ़ एवं मानसून से जीर्णोद्धार हुए झीलों एवं नदी किनारे उन्हें प्रचुर मात्रा में भोजन पूरे सर्दी के मौसम तक उपलब्ध रहता है


प्रवासी पक्षियों के आने से हमें क्या लाभ है :

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर व माइग्रेटिव बर्ड शोधकर्ता ज्ञानचंद ज्ञानी बताते हैं कि बाढ़- वर्षा एवं अत्यधिक ताप से कई तरह के पादपों एवं कीट प्रजातियाँ की संख्या में गंगा एवं इसकी सहायक नदियों के आसपास काफी वृद्धि हो जाती है जिसपर प्रवासी मेहमान पक्षियां ही नियंत्रण करने का काम करती है इसके बदले मेहमान पक्षियों को पूरे सर्दियों में भोजन और हमारे कृषि क्षेत्रों में काफी लाभ मिलता है।साथ ही 'प्रवासी जलीय पक्षियां' मीठे पानी के झीलों की गुणवत्ता को सलाना बरकरार रखती है।कुल मिलाकर पक्षी हमारे स्वस्थ पर्यावरण का सबसे बड़ा माध्यम है। हालांकि अभी कुछ प्रजातियों के पक्षियों का ही आगमन शुरू हुआ है नवंबर के महिने में जैसे जैसे तापमान में गिरावट आएगी मौसम अनुकूल होगा तो अन्य दर्जनों प्रजातियों के प्रवासी मेहमान पक्षियों का आगमन होगा।

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