फलका से आरफीन बहार की रिपोर्ट
कटिहार : फलका प्रखंड क्षेत्र के मघेली ग्राम में एक दिवसीय अजीमुश्सान जलसा इसलाहे मुआशरा तालीमी बेदारी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जलसा की अध्यक्षता मौलाना नूरुल हक साहब रहमानी ने की। जलसे का आगाज तिलावते कलाम पाक से हुआ। लखनऊ से आए फैजल रशीदी ने जलसा में उपस्थित भीड़ सेेे मुखातिब होते कहा के मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम इस दुनिया के लिए रहमत बनकर आए थे। अगर हम और आप कामयाबी चाहते हैं तो मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम की सीरत को अपनाना ही होगा। वरना हम कामयाब नहीं हो सकते हैं
वही मौलाना अब्दुल्लाह कमर सालिम ने अपने बयान में कहा के इस्लाम धर्म एक ऐसा धर्म है जो अमन शांति पेश करता है कोई भी धर्म बेकार नहीं है। हर धर्म में शांति और सुकून है। शांति और सुकून को बदनाम करने के लिए कुछ लोग होते हैं जिसके जरिए से धर्म बदनाम होता है। इस्लाम धर्म शांति का प्रतिक है,हमारे नबी अमन चैन का पैगाम हमेशा दिया। हमारा पाक कलाम भी वही पैगाम दे रहा। उन्होंने कहा कि आज हम नबी की सुन्नत को छोड़ कर भटक गए हैं,दहेज समाज के लिए एक कोढ़ जैसी बीमारी हो गयी है। इससे समाज को बचाने की जरूरत है, उन्होंने आगे कहा कि मुल्क से वफादारी हमारे रग रग में बसी हुई है। हमे अपने ईमानदारी का सबूत देने की जरूरत नहीं है। क्योंकि हमारे वतन के कई ऊलमाओं ने इस मुल्क की आजादी में जो कुर्बानी दी है
वह आज के तारीख के पन्नो में मौजूद है, हमारे नवी ने ही हमे वतनपरस्ती का सबक दिया है। जबकि आयोजित जलसे में मौलाना मोहम्मद सोहराब कासमी, मौलाना रियाज अहमद, मौलाना शमशेर अहमद, हजरत मौलाना सोहराब, मौलाना इजरायल अहमद कासमी आदि मौलानाओं ने अपने बयान में कहा के हमारा समाज हमारा गांव हमारा मोहल्ला शिक्षा के बगैर कभी भी तरक्की नहीं कर सकता है। अगर हम और आप चाहते हैं हमारा गांव हमारा समाज हमारा मोहल्ला हमारा सोसायटी तरक्की करें तो इल्म को अपनाना ही होगा। वही जलसा कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरे मघेली ग्रामवासी लगे हुए थे।
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