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आज भी फलका प्रखंड क्षेत्र की नहरें फांक रही है धुल

फलका से आरफीन बहार की रिपोर्ट

कटिहार : कटिहार जिले के फलका प्रखंड क्षेत्र के चारों तरफ नहरों का जाल बिछा हुआ है। मगर नहरों में पानी नहीं है। नहरों में पानी नहीं रहने के कारण किसानों को सिंचाई कार्य में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अधिंकाश कृषक भारे पर पंप सेट लेकर पटवन करने को विवश हैं। करीब 3 दशक पूर्व जब नहरों में पानी की कल- कल धारा बहा करती थी। और हर खेतों तक नहर छहर व नाला हुआ करता था


और किसानों को पटवन करने में बड़ी आसानी होती थी। उस वक्त प्रखंड क्षेत्र में गरमा धान व केला की खेती का वृहद रुप से हुआ करती थी। और उस वक्त फलका का केला कोलकाता, बनारस, बरेली, बदायूं ,रांची, पटना, मऊ आदि मंडियों में जाया करती थी। और फलका के केला का अलग पहचान हुआ करता था। मगर जब से नहरों में पानी का आना बंद हुआ पंप सेट से खेती करना महंगा हो गया। और केला की क्वालिटी में फर्क पड़ गया

उसके बाद पनामा विल्ट नामक रोग किसानों को इस कदर नुकसान दिया कि क्षेत्र में केला खेती बहुत कम रह गया है। और गरमा धान की खेती धीरे-धीरे खत्म होने के कगार पर आ पहुंचा है। हालांकि तीन चार साल पहले नहर में पानी आया था। मगर जल्दी ही बंद हो गया। बाहरहाल क्षेत्र के किसानों ने कृषिकों को के हित को देखते हुए नहरों के पानी देने की मांग की है।

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