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राष्ट्रीय पोषण माह के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों से निकाली गई जागरूकता रैली

रैली में भाग लेती सेविका।

कोढ़ा/शंभु कुमार 

कोढ़ा बाल विकास परियोजना अंतर्गत राष्ट्रीय पोषण माह 2025 के अवसर पर  विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों की ओर से  एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। रैली का उद्देश्य ग्रामीण व शहरी समुदायों में पोषण, स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरूकता फैलाना था। यह रैली "सही पोषण - देश रोशन" थीम पर आधारित रही, जिसे महिलाओं, बच्चों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मिलकर उत्साहपूर्वक संपन्न किया।रैली की शुरुआत संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र से हुई और गाँव की प्रमुख गलियों व मार्गों से होते हुए पुनः आंगनबाड़ी केंद्र पर समाप्त हुई। इसमें छोटे बच्चों, किशोरियों, गर्भवती और धात्री माताओं के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं बड़ी संख्या में शामिल रहीं


नारे और संदेशों से गूंजे रास्ते

रैली के दौरान प्रतिभागियों ने पोषण संबंधी विभिन्न नारे लगाए जैसे —

"अच्छा पोषण, बेहतर जीवन", "सुपोषित भारत, सशक्त भारत",

तथा हाथों में संतुलित आहार, पोषक तत्वों और टीकाकरण से संबंधित पोस्टर और बैनर लिए हुए थे। कई बच्चों ने पारंपरिक परिधान पहन कर रंगारंग प्रस्तुति भी दी।

समाज में सकारात्मक संदेश

इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आम लोगों को बताया कि कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए समय पर टीकाकरण, संतुलित भोजन, स्वच्छता और स्तनपान अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि घर में सस्ते व आसानी से उपलब्ध पोषक तत्वों जैसे दाल, हरी सब्जियाँ, फल और दूध का नियमित सेवन करना चाहिए


अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने की सराहना

कार्यक्रम में उपस्थित **सीडीपीओ उषा किरण के साथ प्रतिनिधियों** ने पोषण अभियान को जन-जन तक पहुँचाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की यह पहल कुपोषण जैसी गंभीर समस्या के समाधान की दिशा में एक मजबूत कदम है और इसमें समाज की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।वही जागरूकता रैली को सफल आयोजन में महिला पर्यवेक्षिका शशि सिन्हा,राज श्री के साथ  सेविका प्रेमलता,डेजी , शिरोमणि , शांति, रोशिता, इन्दु व अन्य सेविकाओं ने अपनी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की ।

खेल और प्रतियोगिताएँ भी रहीं आकर्षण का केंद्र

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम

इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा तैयार की गई थी। उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को रैली में भाग लेने के लिए प्रेरित किया और पोषण के महत्व को समझाया।

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