लालू के लाल तेज प्रताप यादव का प्रेम प्रसंग देश मे अभी सुर्ख़ियों में हैं। वहीं इससे नाराज राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी से 6 वर्षो के लिए निष्कासित कर दिया है। इस मुद्दे पर पूर्णियां के सांसद पप्पू यादव ने कहा कि तेज प्रताप यादव ने प्रेम कर कोई गलती नही की हैं। अपने 12 वर्षो के प्रेम को समाज के सामने लाकर शादी में परिवर्तित कर दिया है, उन्होंने किसी को धोखा नहीं दिया। इसलिए लालू जी को बेटे के प्रेम को स्वीकार कर लेना चाहिए। उन्होंने लालू प्रसाद यादव से आग्रह किया कि आलोचना और राजनीति के कारण बेटे के प्यार को खत्म न करें। आपके बेटे ने एक ईमानदार प्रयास किया है जो समाज के सामने लाया
पप्पू यादव ने कहा कि बिल गेट्स की भी अमेरिका में आलोचना हुई थी। उन्होंने भी सच्चाई को स्वीकार और फिर देश के लोगो ने उनकी सराहना की थी। उसी तरह तेज प्रताप ने भी सच्चाई को नहीं छुपाया हैं। पप्पू यादव ने कहा कि बिना तलाक लिए दूसरी शादी की हैं, यह उनका ब्यक्तिगत मामला है। लालू जी के राजनीतिक जीवन के कारण तेज प्रताप जी की शादी दारोगा रॉय जी के परिवार में हुआ था, जो शिक्षा में सर्वोच्च और उत्कृष्ट है।वही पार्टी से निकाले जाने के सवाल पर पप्पू यादव ने कहा कि तेज प्रताप ने सामाजिक जीवन मे समाज को बरगलाया नहीं हैं, एक बच्ची को स्वीकार किया है, वे धन्यवाद के पात्र है। उन्होंने कहा कि प्यार करके कोई गुनाह नही किया है। जबकि लालू जी के ही पार्टी के कई विधायक पर बलात्कार के आरोप है, मगर वे पार्टी में बने हुए है। लगभग सभी पार्टी में बलात्कारियों की भरमार है। यहाँ तक कि बाबाओं के ऊपर भी बलात्कार के आरोप है, जिनके पास नेता जाते हैं, कोई पार्टी उनसे परहेज नहीं करती हैं। लालू जी का बेटा कोई बलात्कारी नहीं हैं बल्कि प्रेम को शादी में बदला है, मैं ऐसे प्यार औऱ सच्चाई को धन्यवाद देता हूँ
बता दे कि एक समय था जब पप्पू यादव लालू प्रसाद यादव के परिवार के काफी करीब थे। जब पप्पू यादव लालू यादव के साथ थे तभी उनका भी प्रेम परवान पर था। उन्होंने रंजीत रंजन से प्रेम विवाह किया था। पूर्णियां में हुए भव्य शादी में लालू प्रसाद यादव भी आर्शीवाद देने पहुँचे थे। मगर राजनीतिक महत्वाकांक्षा के वजह से दोनों एक दूसरे से अलग हो गए। अब ऐसा हो गया है कि लगातार पप्पू यादव तेजस्वी और तेज प्रताप को लेकर हमलावर रहते है। तेजप्रताप-तेजस्वी के चुनाव लड़ने को लेकर पप्पू यादव ने यहाँ तक कह दिया था कि अगर दोनों चुनाव जीत जाएंगे तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे। मगर दोनों जीत गए थे। तब से तेजस्वी यादव के निशाने पर पप्पू यादव है। वही तेजप्रताप यादव के प्रकरण में पप्पू यादव का साथ मिलने पर लगता है कि एकबार फिर दोनों के परिवार के बीच घनिष्ठता बढ़ेगी।