रेलवे सुविधाओं की घोर अनदेखी, आंदोलनकारी बोले – नहीं सुनवाई हुई तो करेंगे सामूहिक आत्मदाह

 


रेल संघर्ष समिति ने स्टेशन परिसर में दिया धरना, आज होगा उपवास अनशन

धरनार्थी ने दिया आत्मदाह की चेतावनी, बढ़ा तनाव

मुरलीगंज /मिथिलेश कुमार 

मधेपुरा : मुरलीगंज रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा बढ़ाने एवं यात्रियों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए गठित रेल संघर्ष समिति ने मुरलीगंज में अपना आंदोलन तेज कर दिया है। शनिवार को रेल संघर्ष समिति के बैनर तले मुरलीगंज रेलवे स्टेशन के दुर्गा मंदिर परिसर में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें रेल संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ अन्य सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता एवं आम लोग शामिल हुए। गौरतलब हो कि बार-बार विरोध के बावजूद संघर्ष समिति के 19 सूत्री मांगें पूरी नहीं हुई हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान समिति के संरक्षक दिनेश मिश्र ने डीआरएम के आश्वासन के बावजूद रेलवे अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई न किए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वैशाली एक्सप्रेस को ललितग्राम से चलाने का फैसला लिया गया है। जबकि वैशाली एक्सप्रेस को बनमनखी मुरलीगंज मधेपुरा के रूट से चलाने की मांग वर्षों से होते आ रही है। लेकिन जो स्टेशन ललितग्राम कुछ माह पूर्व शुरू हुआ है वहां से वैशाली एक्सप्रेस को चलाया जा रहा है। हमारी मांग थी कि कम से कम सप्ताह में तीन दिन इस रूट से वैशाली एक्सप्रेस को चलाया जाए। हमारी मांगो में मुख्य प्लेटफॉर्म को ऊंचा करना, स्टेशन पर शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय या अन्य बुनियादी सुविधाओं पर है। इस पर विभाग ध्यान नहीं दे रही है। मधेपुरा सांसद को भी हमारी मांगो को सरकार के समक्ष रखना चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें मुरलीगंज के जनता से कुछ लेना देना नहीं है। हम उम्मीद करते हैं


कि सरकार और रेलवे अधिकारी हमारी मांगों को गंभीरता से लेंगे। जब तक सार्थक परिणाम नहीं मिल जाता है हमलोग आंदोलन करते रहेंगे। वहीं धरना प्रदर्शन में शामिल हुए राजद बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मनोज यादव ने मांगें पूरी न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है, जिससे तनाव और बढ़ गया है। नपं वार्ड सात के पार्षद उदय चौधरी ने रेलवे स्टेशन पर यात्रियों, खास तौर पर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को उजागर किया। कहा कि स्टेशन पर अगर रात में आए और बिजली चली जाए तो यह स्टेशन कोई भूतिया जगह लगने लगता है। ऐसे में प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्री खासकर महिलाओं को जो दिक्कत होती होंगी उसे समझा जा सकता है। कितनी मुश्किलों का सामना कर यहां से लोग सफर करने को मजबूर हैं। वहीं रेल परामर्श दात्री समिति के सदस्य सूरज जायसवाल ने कहा कि हम गलती से रेल परामर्श दात्री समिति के सदस्य हैं। डीआरएम का आश्वासन हाथी के दांत जैसा है, कहने को कुछ दिखाने को कुछ और करने को कुछ है। सचिव विकास आनंद ने रेल संघर्ष समिति के मांगों की वैधता पर जोर दिया। कहा कि हम अपनी मांगों के लिए लड़ेंगे, जो जायज हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार हमारी मांगों को गंभीरता से लेगी। हमारी मांगे अगर पूरी नहीं हुई तो यह चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा। धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से रेल संघर्ष समिति के संयोजक, विजय यादव, सह संयोजक आनंद कुमार उर्फ श्याम ठाकुर, प्रशांत यादव, पवन कुमार यादव, राजीव जायसवाल, राहुल कुमार, अनुपम कुमार, मो. अफरोज अहमद एवं अन्य कई उपस्थित रहे

रेल संघर्ष समिति के प्रमुख मांगे

मुरलीगंज रेलवे स्टेशन को अमृत भारत में शामिल करने, रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा में सुधार करने, प्लेटफॉर्म ऊंचीकरण, वैशाली और पुरवइया एक्सप्रेस का पुर्णिया कोर्ट तक विस्तारीकरण, हमसफर का इस रूट से पुनः परिचालन, सहरसा से कटिहार तक ट्रेन की संख्या बढ़ाने, मुरलीगंज में स्थापित पूर्व माल गोदाम को रैक प्वाइंट में परिवर्तित करने, मुरलीगंज में रेलवे अंडर पास पुल बनवाने, जनहित एक्सप्रेस के समय में सुधार करने, हाटे बाजारे को मुरलीगंज होते हुए प्रत्येक दिन चलाने, मुरलीगंज में मेमू मेंटेनेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने, राजधानी एक्सप्रेस को भाया मुरलीगंज सप्ताह में 2 दिन चलाने, अमृत वंदे भारत ट्रेन को पुर्णिया कोर्ट से चलाने, स्टेशन के उत्तरी छोड़ पर सीबीओ की व्यवस्था सुनिश्चित करने, पुर्णिया कोर्ट स्टेशन पर वाशिंग पीट बनाने 

धरना में राजनीतिक दल व सामाजिक संगठन ने भी दिया समर्थन: 

शनिवार को स्टेशन परिसर में रेल संघर्ष समिति के अगुआई में हुए धरना प्रदर्शन में यात्री सुविधा बढ़ाने सहित अन्य मांगो के समर्थन मे कई राजनीतिक दल के नेताओं ने भी हिस्सा लिया। राजद,  कांग्रेस, भाजपा के नेताओं ने पहुंच कर धरना में अपना योगदान दिया।

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