कटिहार/आकिल जावेद
बीते शनिवार की शाम बिहार के सीमांचल के कुछ हिस्सों में आसमान में अचानक एक विचित्र तरह के तारे दिखाई दिए जो एक कतार में आगे बढ़ रहे थे। ऐसी कोई एलियन का जहाज बताया तो कोई तारों की बारात, कुछ लोगों ने इसे देवी शक्ति बताया।इस तरह के विचित्र तारे पहली बार देखकर लोग सकते में आ गए और कुछ लोग डर गए। लेकिन असल में ना तो यह कोई दैवीय शक्ति थी और ना ही एलियन का जहाज और ना ही यह कोई तारे थे। दरअसल यह दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स द्वारा बनाए गए स्टारलिंक सैटेलाइट्स थी
क्या है स्टारलिंक सेटेलाइट
स्टारलिंक, हजारों छोटे सेटेलाइट की मदद से हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करता है। इन सैटेलाइट्स के जरिए सीधे सरल तरीके से ग्राहकों को इंटरनेट प्रदान किया जाता है जिसे SpaceX संचालित करती है। इसमें सभी सैटेलाइट्स दूसरे कम्युनिकेशन सेटेलाइट्स की अपेक्षा कम ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं और पूरी पृथ्वी पर डायरेक्ट अपने ग्राहकों तक इंटरनेट की सेवा उपलब्ध कराते है।एलन मस्क ने इंटरनेट प्रदान करने का एक खास तरीका इजाद किया है जो काफी सुर्खियां बटोर रहा है। इसका नेटवर्क खड़ा करने के लिए कंपनी ने वर्ष 2018 से स्टर्लिंग सेटेलाइट को लॉन्च करने की शुरुआत की थी। दिसंबर 2021 तक 1700 सैटेलाइट्स को लो अर्थ आर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित किया जा चुका है। कंपनी के मालिक एलन मस्क का लक्ष्य दुनिया के हर कोने तक स्टारलिंक के जरिए इंटरनेट पहुंचाना है क्योंकि अभी भी दुनिया के कई हिस्सों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं पहुंच पाई है, इसके लिए एलन मस्क 12000 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में स्थापित करना चाहते हैं
अभी स्टारलिंक इंटरनेट सेवाएं कहाँ मौजूद है?
फ़िलहाल यह बीटा फेज में है यानी कि टेस्टिंग चल रही है और यह केवल अमेरिका कनाडा और यूनाइटेड किंगडम के कुछ हिस्सों में उपलब्ध है। अमेरिका और अन्य देशों को मिलाकर 10 हजार लोग स्टारलिंक इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि 2021 के बीच तक लगभग 5 लाख लोग इस सेवा के लिए आवेदन कर चुके थे।स्टारलिंक सैटेलाइट्स, पुराने सैटेलाइट्स के मुकाबले 60 गुणा धरती के नजदीक होंगे, इसी वजह से यूजर के पास कम लेटेंसी के साथ इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचेगी यानी कि सोर्स से गंतव्य तक डेटा को पहुंचने में बहुत ही कम समय लगेगा। कंपनी के अनुसार स्टारलिंक की सेवा फाइबर ऑप्टिक्स की लाइट से 40 प्रतिशत अधिक तीव्र होगी
भारत में स्टारलिंक इंटरनेट
स्टारलिंक भारत में एंट्री करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन भारत सरकार द्वारा अभी इसे सेवाएं शुरू करने के लिए इजाजत नहीं दी गई है लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि 2023 के अंत तक स्टारलिंक की सेवाएं भारत में भी उपलब्ध हो जाएंगी।स्टारलिंक इंडिया के डायरेक्टर के अनुसार भारत में स्टारलिंक के लिए यूजर को पहले साल लगभग 1,58,000 रुपए का भुगतान करना होगा दूसरे साल कीमत लगभग 1,15,000 के आसपास होगी।शनिवार शाम को देखे गए इंस्टॉलिंग सेटेलाइट के समूहों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्पेसएक्स कंपनी जल्द ही भारत में स्टारलिंग इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने शुरू करेगी फिलहाल इसकी टेस्टिंग चल रही है। शनिवार की शाम आसमान साफ रहने की वजह से ग्रामीणों को यह नजर आया।