पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव
पूर्णिया : जिलाधिकारी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई मासिक समीक्षात्मक बैठक में सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक सोरेंद्र कुमार दास सहित सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते कहा गया था कि संचालित सभी कार्यक्रमों से संबंधित सर्वे कराने के बाद ड्यूलिस्ट की अद्यतन जांच रिपोर्ट अविलंब संबंधित पोर्टल पर अपलोड करायी जाए। जिसके आलोक में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित पारामेडिकल सभागार में जिले के सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक (बीएचएम), प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (बीसीएम), स्वास्थ्य प्रशिक्षक सह टीकाकरण (शहरी क्षेत्र) के नोडल अधिकारी राजेंद्र प्रसाद को जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी आलोक कुमार एवं यूनिसेफ की ओर से राजकुमार के द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया
ताकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित सभी तरह की जानकारी ससमय उपलब्ध करायी जा सके। वहीं संबंधित पोर्टल पर उसको नियत समय एवं तिथि को अपलोड कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनय मोहन, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, जिला योजना समन्वयक डॉ सुधांशु शेखर, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी आलोक कुमार, एपेडिमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला, केयर इंडिया के डीटीएल आलोक पटनायक, डीपीएचओ सनत गुहा, पिरामल स्वास्थ्य की ओर से नम्रता सिन्हा एवं जियाजुद्दीन, यूनिसेफ के एसएमसी मुकेश गुप्ता, यूएनडीपी के रजनीश कुमार, डब्ल्यूएचओ के दिलीप झा सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे
विभागीय स्तर पर संचालित कार्यक्रमों में गति लाना मुख्य उद्देश्य: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रत्येक महीने स्वास्थ्य विभाग से संबंधित जिलास्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाता है। जिसमें स्वास्थ्य से संबंधित सभी प्रकार की योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी मामलों की समीक्षा गहनतापूर्वक की जाती है। जिसके आधार पर राज्य स्तर पर उसका आकलन किया जाता है। सरकार द्वारा संचालित सभी तरह के कार्यक्रमों का संचालन नियमित रूप से होना चाहिए। जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में नियमित टीकाकरण, प्रसव पूर्व जांच (एएनसी), संस्थागत प्रसव, मातृ-शिशु देखभाल, परिवार नियोजन, ओपीडी के अलावा इमरजेंसी सेवाओं में बेहतरी को लेकर आवश्यक कदम उठाने के लिए दिशा-निर्देश दिया जाता है। जिसके आलोक में स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा संबंधित विभिन्न प्रकार की योजनाओं का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाता है। प्रसव पूर्व जांच (एएनसी), नियमित टीकाकरण एवं संस्थागत प्रसव को लेकर सभी पदाधिकारियों को अलग से कार्य करने को लेकर दिशा-निर्देश दिया गया है। ताकि क्षेत्र की एएनएम आशा कार्यकर्ता सहित आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से इसे शत प्रतिशत पूरा किया जा सके।



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