रहमत व बरकत की सौगात लेकर आता है रमजान:मोलाना सादिक

फलका/चाँद बहार

कटिहार: पाक और मुकद्दस महीना माह-ए- रमजान तमाम मुसलमानों के लिए रहमत और बरकत की सौगात लेकर आता है। मुसलमानों के लिए रमजान का  महीना सभी महीनों से अफजल और बरकत का महीना है। उक्त बातें फलका बस्ती स्थित बिस्मिल्लाह मस्जिद के इमाम मौलाना सादिक ने कही।उन्होंने रमजान की फजीलत पर रौशनी डालते हुए बताया कि रमजान के महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है । जिसमें पहला अशरा रहम का,दूसरा अशरा मगफिरत का और तीसरा असरा जहन्नुम की आग से बचने का है। रोजा हर बालिग और  अकलमंद मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज है


रोजा रखने वालों पर अल्लाह की रहमत बरसती है। इसलिए लोगों को चाहिए की रमजानुल मुबारक का पूरे महीने रोजा रखकर खुदा की खूब इबादत करें। साथ ही सात साल के बाद बच्चों को नमाज और रोजा की तरगीब  करना चाहिए।  रमजान में रोजेदार पांचों वक्त की नमाज इबादत के साथ अदा करते हैं। रमजान के महीने में एक बदले 70 गुना मिलता है। जैसे एक फर्ज  नमाज अदा करने से सत्तर फर्ज नमाज अदा करने के बराबर सवाब मिलता  है। रमजान के महीने में रोजेदार तीन बजे सुबह सादिक से शाम तक सूरज डूबने के बाद मगरिब की अजान होने तक भूखे प्यासे रहकर रोजा रखते हुए अल्लाह की इबादत करते हैं

एफतार के बाद रात में तरावीह की नमाज भी पढ़ते हैं।उन्होंने आगे बताया की रोजेदारों का रोजा के हालत में सिद्दत से भूख प्यास का अहसास होना खुदा पाक को बेहद पसंद है। रमजान के इस पाक और मुकद्दस  महीने में अल्लाह पाक रोजेदारों की जायज तमन्ना को कबूल करते हैं।

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