पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सेमुएल हनीमैन के जन्म दिवस "दस अप्रैल अर्थात विश्व होम्योपैथी दिवस" के अवसर पर राज्य में होम्योपैथी चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर सामाजिक कार्यकर्ता विजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखा हैं। सामाजिक कार्यकर्ता विजय श्रीवास्तव ने बताया कि होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में अधिकतम चिकित्सकों की उपलब्धता आज की आवश्यकता है। प्रदेश के प्रत्येक जिला में ए• एन• एम• स्कूल के पैटर्न पर होमियोपैथिक स्कूल का कान्सैप्ट की शुरुआत बिहार में होनी चाहिए। इस तरह की परिकल्पना बेरोज़गारी एवं चिकित्सिकीय समस्याओं के समाधान की दिशाओं में वरदान साबित हो सकती है
उन्होंने बिहार सरकार से अपील किया कि बिहार की करोड़ों गरीब आबादी के श्रेष्ठ हितों में होम्योपैथी दवाओं को सभी तरह के करों के दायरों से मुक्त करने के लिए केन्द्र सरकार से रचनात्मकता के साथ पहल करने की की कृपा करें।मालूम हो कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की संपूर्ण विश्व में आज तूती बोलती है और इस चिकित्सा पद्धति की क्षमता व सिद्धांतों पर पूरे विश्व को निश्चित रूप से खूब भरोसा है। सर्वाधिक लोकप्रिय एवं बहुत सस्ती इलाज प्रणाली होम्योपैथी से प्रदेश की करोड़ों गरीब आबादी की चिकित्सा संबंधी समस्याओं का हल बहुत आसान एवं सुलभ करने की दिशाओं प्रयासों की आवश्यकता है
सामाजिक कार्यर्ताओं विजय श्रीवास्तव ने बताया कि पच्चीस हजार की आबादी पर एक होमियोपैथिक क्लिनिक सरकारी स्तर पर खोलने से बिहार की चिकित्सा जगत की समस्याएं बहुत कम हो जाएगी।एलोपैथिक क्लिनिक की तुलना में होमियोपैथिक क्लिनिक खोलने की लागत में न्यूनतम राशि खर्च होगी परन्तु चिकित्सा संबंधी समस्याएं चमत्कारिक ढंग से बहुत कम हो जाएगी।एलोपैथिक आधारित अस्पतालों के स्तरों में काफी सुधार हुआ है परन्तु आज भी यह चिकित्सा पद्धति समाज के अधिकांश आबादी की पहुंच से बहुत दूर है।